जड़ों से लिपटा, बरगद-पीपल के पेड़ पर बना है ये 300 साल पुराना मंदिर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। निमाज गढ़ का जगरामेश्वर मंदिर दूसरे मंदिरों से सबसे अलग है। बड़ (बरगद)और पीपल के पेड़ पर बना 300 साल पुराना यह मंदिर लोगों के आकर्षण का केन्द्र है। जगराम दुर्ग में बने इस मंदिर का निर्माण जिस तरह से किया गया है उससे ये अपने आप में ही एक अजूबा लगता है। मंदिर करीब 20 से 25 फीट की ऊंचाई पर है। यहां जाने के लिए सीढ़ियां बनाईं गई हैं। पूरे मंदिर का निर्माण दोनों पेड़ों के तने पर किया हुआ है। पेड़ों की शाखाएं, जड़ें मंदिर के चारों और लिपटी हैं।
उड़ता गया मंदिर
इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि एक बार एक तपस्वी यहां अपने तप में लीन थे। इसी दौरान उन्हें ऊपर से एक मंदिर गुजरने का आभास हुआ। उन्होंने उसे अपने तप के बल पर मंदिर को वहीं उतार लिया। जिसे यहां स्थापित किया गया। इसके बाद वि. सं. 1765 के करीब इस मंदिर में महादेव की मूर्ति स्थापित कर उसका नाम जगरामेश्वर रखा।
लाल पत्थर पर उत्कीर्ण कला
लाल पत्थरों पर उत्कीर्ण इस मंदिर की कला दक्षिण भारत के मंदिरों से मिलती है। यहां आने वाले देशी.विदेशी पर्यटक इसकी एक झलक अपने कैमरो में कैद किए बिना नही रहते। हालांकि किंवदंती से अलग ये भी कहा जाता है कि इसका निर्माण करने वाला कारीगर वाकई बेहद उत्कृष्ट कलाकार रहा होगा। बाद के शासकों ने इसका जीर्णोद्धार भी कराया। बरगद के पेड़ पर होने की वजह से इसे दुनिया में एकमात्र ही माना जाता है।
Created On :   1 Sep 2017 6:45 AM GMT