मंडी में नहीं मिले दाम, कर्ज और परिवार की चिंता से किसान की मौत

a tribal farmer died due to tension of bank loan and problem
मंडी में नहीं मिले दाम, कर्ज और परिवार की चिंता से किसान की मौत
मंडी में नहीं मिले दाम, कर्ज और परिवार की चिंता से किसान की मौत

डिजिटल डेस्कपांढुर्ना/छिंदवाड़ा।आदिवासी अंचल के ग्राम मोरगोंदी के आदिवासी किसान गोरख पिता चतरू कवड़ेती की बीती शाम गांव के चौपाल में बैठे-बैठे मौत हो गई। सोमवार को किसान गोरख ने छह महीने की मेहनत के बाद डेढ़ क्विंटल मूंगफली की उपज पांढुर्ना के खुले बाजार में बेची थी। मूंगफली से आए तीन हजार रुपए से मजदूरी, गांव का कर्जा, बैंक का कर्जा और घर-परिवार का खर्च कैसे चलाए इस चिंता में किसान डूबा हुआ था। परिजनों के अनुसार परेशान किसान गोरख कवड़ेती मंगलवार को गांव के चौपाल में बैठा रहा। शाम सात बजे तीन हिचकी आई और उसका दम निकल गया।
मंडी में नहीं मिला उचित दाम
मृतक किसान गोरख कवड़ेती के बेटे रूपेश और बेटी सुरेखा ने बताया कि उनका दो एकड़ खेत है। इस साल पिताजी ने मूंगफली की फसल बोई थी, जिसमें डेढ़ क्विंटल उपज हुई। वे सोमवार को उपज बेचने के लिए पांढुर्ना मंडी ले गए। जहां इसके दाम सोलह सौ से दो हजार रुपए तक ही मिले। बाद में एक व्यापारी ने प्राइवेट में इक्कीस सौ रुपए क्विंटल के हिसाब से मूंगफली खरीदी। छह महीने की मेहनत के बाद फसल के महज तीन हजार रुपए हाथ लगने से पिताजी बहुत चिंतित थे। जबकि हमें आठ-दस हजार रुपए खर्च आ गया था।
किसान के नाम पर केसीसी में हुई ठगी
किसान गोरख पिता चतरू कवड़ेती के नाम से दिसंबर 2012 में इलाहाबाद बैंक तीगांव में दो लाख रुपए की केसीसी बनी। दलालों ने साठ और चालीस हजार रुपए का विड्रा कराए। किसान के हाथ में केवल 40 हजार रुपए दिए। जब एक साल बाद गोरख को सवा लाख रुपए जमा करने का नोटिस आया, तो उसे पता चला कि उसके नाम पर 40 हजार नहीं बल्कि दो लाख की केसीसी निकली है। मामले का प्रकरण स्थानीय सिविल कोर्ट में भी चल रहा है। शनिवार को गोरख कवड़ेती की पेशी भी हुई थी। बैंक कर्ज को लेकर भी गोरख परेशान था।
मातम में डूबा परिवार
 किसान गोरख की असामयिक मौत के बाद मोरगोंदी सहित आदिवासी अंचल में मातम छा गया। मृतक के परिवार में पत्नी यशोदा, अविवाहित बेटा रूपेश, बेटी सुरेखा सहित विवाहित बेटी वनिता कुमरे और मनिश सिरसाम हैं। गोरख के एक दामाद की पिछले साल गंभीर बीमारी के चलते मौत हो गई थी। गोरख कवड़ेती अपनी छोटी बेटी सुरेखा की शादी को लेकर चिंतित था। गोरख की मौत पर विधायक जतन उईके, भागोंपा नेता कृष्णकुमार बरडे, कांग्रेस कार्यकर्ता सतीश सिंह ठाकुर, रवि खापरे, राजेश साहू, रामप्रसाद उईके सहित अनेक लोगों ने उनके घर पहुंचकर सांत्वना दी। सांसद कमलनाथ ने भी शोक जताया और कांग्रेसियों ने अंत्येष्टि के लिए 3600 रुपए की मदद की।
किसान बोले कर्ज से परेशान था गोरख
गांव के बुजुर्ग किसान बालाजी सिरसाम, माणिकराव सोमकुंवर, किंजुलाल कवड़ेती सहित पूर्व सरपंच हिराजी सलामे ने बताया कि गोरख कवड़ेती बैंक और निजी कर्ज से परेशान था। उसे सोमवार को मूंगफली के महज तीन हजार रुपए मिले। उसके बाद लेनदार उससे संपर्क कर रहे थे। उसके घर में एक बेटी की शादी भी होना बाकी है। इस साल किसी भी किसान को अपेक्षा के अनुरूप फसल नहीं हुई। इसके बाद अब तैयार फसलोंं को दाम नहीं मिल रहे। जिससे हर किसान परेशान हैं।
इनके कहना--
जानकारी मिलते ही हम किसान के घर पहुंचे थे। परिजनों ने सीने में उठे दर्द के बाद मौत होना बताया है। यह सामान्य मौत है। परिजन रिपोर्ट और कार्रवाई नहीं चाह रहे हैं। न ही उन्होंने मूंगफली के कम दाम मिलने की बात बताई है।
-अभिषेक शर्मा, तहसीलदार, पांढुर्ना

 

Created On :   2 Nov 2017 12:43 PM GMT

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