पेपरलेस के बाद अब पूरी तरह से कैशलेस होगी ई-रजिस्ट्री

After the paperless it will now be fully cashless e-Registry
पेपरलेस के बाद अब पूरी तरह से कैशलेस होगी ई-रजिस्ट्री
पेपरलेस के बाद अब पूरी तरह से कैशलेस होगी ई-रजिस्ट्री

डिजिटल डेस्क जबलपुर। प्रापर्टी की रजिस्ट्री कराने की व्यवस्था को पेपरलेस बनाने के लिए शुरु की गई ई-रजिस्ट्री की व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। 1 नवम्बर से ई-रजिस्ट्री का पूरा काम कैशलेस होगा। पता चला है िक नई व्यवस्था के तहत सब-रजिस्ट्रार पंजीयन शुल्क की राशि जमा कराने के लिए रसीद निकाल कर देंगे, जिसे सर्विस प्रोवाईडर की क्रेडिट लिमिट के माध्यम से जमा कराया जा सकेगा। राशि जमा होने के बाद सर्विस प्रोवाईडर एक भुगतान की रसीद निकाल कर ग्राहक को देंगे, जिसे सब-रजिस्ट्रार के पास जमा करवाया जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद ही रजिस्ट्री हो सकेगी। जबकि, पूर्व में नगद राशि उप-पंजयीक के पास जमा करवाकर रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी की जा सकती थी।
जानकारों का कहना है कि इस व्यवस्था से लोगों को सुविधा मिलेगी और अब नगद राशि एकत्रित करने के लिए भागादौड़ी नहीं करनी पड़ेगी। इसके साथ ही ऑनलाईन पेमेंट सिस्टम होने से विभाग को एकत्रित होने वाले राजस्व का लेखाजोखा भी आसानी से रखा जा सकेगा। यही नहीं पंजीयन प्रक्रिया के तहत भुगतान प्रणाली में पारदर्शिता भी आएगी।
ऐसे समझें पूरी प्रक्रिया-
उदाहरण के तौर पर एक ग्राहक अपनी प्रापर्टी की रजिस्ट्री कराने के लिए सर्विस प्रोवाईडर के पास से दस लाख रुपए की ड्यूटी चुकाकर सब-रजिस्ट्रार के पास पहुंचता है। पंजीयन की प्रक्रिया के दौरान उप-पंजीयक के समक्ष प्रापर्टी की वैल्यू की गणना 12 लाख रुपए की होती है तो, इस स्थिति में वर्तमान व्यवस्था के अंतर्गत शेष दो लाख रुपए की राशि सब-रजिस्ट्रार के पास जमा करवाकर रजिस्ट्री की जा सकती है। ग्राहकों से एकत्रित की गई राशि को पंजीयन विभाग द्वारा चालान के माध्यम से शासन के खाते में जमा कराया जाता है। अब नई व्यवस्था लागू होने के बाद उप-पंजीयक शेष राशि की रसीद ग्राहक को देंगे, जिसे सर्विस प्रोवाईडर की क्रेडिट लिमिट से जमा करवाया जा सकेगा।
कहीं और तकलीफ न बढ़ जाए-
उधर, जानकारों के एक तबके का यह कहना है कि कैशलेस व्यवस्था कहीं लोगों की तकलीकों बढ़ा न दे। बताया जाता है कि जिस प्रकार से नई प्रणाली लागू करने के बाद भुगतान की प्रक्रिया तैयार की गई है, उससे ग्राहकों को पंजीयन विभाग से लेकर सर्विस प्रोवाईडर के चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ेगा। यही नहीं ऑनलाईन होने वाली यह व्यवस्था सर्वर डाउन होने के चलते ग्राहकों को घंटों इंतजार कराने पर भी मजबूर कर चुकी है। जानकारों का कहना है कि ई-पंजीयन के लिए अपनाई जा रही ऑनलाईन व्यवस्था में पहले भी कई बार सर्वर डाउन होने की शिकायतें मिलती रहीं हैं।
सेवा प्रदाताओं को दिया प्रशिक्षण-
 इसी सप्ताह बुधवार से लागू होने वाली कैशलेस व्यवस्था के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए गत दिवस सेवा प्रदाताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान पंजीयन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कैशलेस व्यवस्था के बारे में जानकारी देते हुए इसकी बारीकियों के बारे में सर्विस प्रोवाईडर्स को अवगत कराया। इसके साथ ही नई प्रणाली के उपयोग एवं ग्राहकों के इस संबंध में उपयुक्त जानकारी उपलब्ध कराने के बारे में भी जानकारी दी गई।
लोगों को मिलेगा लाभ
नई कैशलेस व्यवस्था लोगों को बैंक जाकर कैश लाने की झंझट से छुटकारा मिल सकेगा। इसके साथ ही नगद राशि स्वीकर नहीं करने से विभाग पर भी काम का अतिरिक्त बोझ कम हो सकेगा।- प्रभाकर चतुर्वेदी, वरिष्ठ जिला पंजीयक, पंजीयन विभाग

 

Created On :   30 Oct 2017 8:08 AM GMT

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