अमेरिकी विदेश मंत्री टिलरसन ने बोले- चीन के खिलाफ भारत के साथ खड़े हैं

American foreign minister tillerson comment on india and china relation
अमेरिकी विदेश मंत्री टिलरसन ने बोले- चीन के खिलाफ भारत के साथ खड़े हैं
अमेरिकी विदेश मंत्री टिलरसन ने बोले- चीन के खिलाफ भारत के साथ खड़े हैं

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। अगले हफ्ते भारत दौरे पर आने वाले अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने भारत की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका हमेशा ही विश्वमंच पर भारत का सबसे भरोसेमंद साझेदार रहा है। वहीं चीन को ठेंका दिखाते हुए टिलरसन ने साफ कर दिया है कि उसके खिलाफ अमेरिका भारत के साथ खड़ा है। टिलरसन ने कहा कि अमेरिका चीन के साथ रचनात्मक संबंध चाहता है, ‘लेकिन अमेरिका वहां पीछे नहीं हटेगा जहां चीन सिद्धांतों पर आधारित सीमा को चुनौती देगा या चीन पड़ोसी देशों की संप्रभुता को खतरे में डालेगा।’

 

टिलरसन अगले हफ्ते बतौर विदेश मंत्री पहली बार भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा कि चीन ने अंतरराष्ट्रीय, सिद्धांत आधारित सीमा को धता बताया जबकि भारत जैसे देश एक ऐसे ढांचे के तहत बर्ताव करते हैं, जो दूसरे देशों की संप्रभुता की रक्षा करता है। भारत के साथ उभर रहे चीन ने बहुत कम जिम्मेदाराना ढंग से बर्ताव किया है।

 

टिलरसन ने एक महत्वपूर्ण भारत नीति भाषण में चीन के उदय का उल्लेख किया और कहा कि उसके आचरण एवं कृत्य से सिद्धांतों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय सीमा के लिए चुनौती पैदा हो रही है। यह ट्रंप प्रशासन का पहला बड़ा भारत नीति व्याख्यान है। उन्होंने कहा, ‘दक्षिण चीन सागर में चीन के भड़काऊ कृत्य से सीधे अंतरराष्ट्रीय कानून और सिद्धांतों को चुनौती मिली जबकि अमेरिका और भारत दोनों ही उसके पक्ष में खड़े रहते हैं।’

रक्षा के क्षेत्र में भारत को कई मिले प्रस्ताव

उन्होंने कहा कि अमेरिका ने रक्षा के क्षेत्र में भारत को कई प्रस्तावों की पेशकश की है जो द्विपक्षीय वाणिज्यिक एवं रक्षा सहयोग के लिए संभावित ‘गेमचेंजर’ हो सकता है। अमेरिका के प्रस्तावों में मानवरहित विमान, विमान वाहक प्रौद्योगिकी, एफ-18 और एफ -16 आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी कांग्रेस द्वारा भारत पर एक बड़े रक्षा साझेदार के रूप में मुहर लगाये जाने और सुमुद्री सहयोग के विस्तार में अपने परस्पर हित के मद्देनजर ट्रंप प्रशासन ने भारत के विचारार्थ ढेरों रक्षा विकल्प पेश किये हैं जिनमें गार्जियन यूएवी शामिल हैं।’

 

टिलरसन ने कहा, ‘अनिश्चितता और चिंता के इस दौर में भारत को विश्व मंच पर एक भरोसेमंद साझेदार की आवश्यकता है। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि वैश्विक स्थायित्व, शांति और समृद्धि के हमारे साझे मूल्यों और दृष्टिकोण के हिसाब से अमेरिका वह साझेदार है।’

Created On :   19 Oct 2017 3:41 AM GMT

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