सूखी रह गई भोपाल की शान 'बड़ी झील', कैसे बुझेगी राजधानी की प्यास

Big lake of bhopal is drought in this monsoon due to low rain
सूखी रह गई भोपाल की शान 'बड़ी झील', कैसे बुझेगी राजधानी की प्यास
सूखी रह गई भोपाल की शान 'बड़ी झील', कैसे बुझेगी राजधानी की प्यास

डिजिटल डेस्क, भोपाल। राजधानी के लाखों लोगों के लिए जल आपूर्ति का सहज माध्यम बड़ा तालाब अब तक हुई अल्पवर्षा के कारण खाली है। बड़ी झील कहे जाने वाले तालाब में फिलहाल जलभराव क्षमता से 6 फिट पानी कम भरने के कारण गर्मियों में पानी की किल्लत के आसार बन रहे हैं।

तालाब के वर्तमान हालात के मद्देनजर नगर निगम गर्मियों तक पानी बचाए रखने के लिए अभी से कटौती की योजना बना रहा है। नगर निगम प्रबंधन के अनुसार सितंबर माह के अंत तक यदि बड़े तालाब के जल स्तर में बढ़ौतरी नहीं हुई तो शहर में कटौती शुरु कर दी जाएगी। विभागीय जानकारी अनुसार शहर के 85 वार्डों में से 70 वार्डों में नगर निगम के 1 लाख 70 हजार से ज्यादा नल कनेक्शन है। जिसमें 90 मिलियन गेलन पानी प्रतिदिन सप्लाई होता है। 90 मिलियन में से 20 मिलियन गेलन पानी की सप्लाई बड़ा तालाब से होती है। 1666 फिट की क्षमता वाले इस तालाब में इस वर्ष 1660.45 फिट पानी ही भर पाया है। पानी कम होने से इस गर्मी तक पानी की सप्लाई कर पाना मुश्किल है।

कहां से कितना पानी सप्लाई

  • कोलार बांध से- 34 मिलियन गेलन प्रतिदिन
  • नर्मदा नदी से- 31 मिलियन गेलन प्रतिदिन
  • बड़ा तालाब से- 20 मिलियन गेलन प्रतिदिन
  • 15 वार्डों में अब भी नहीं पहुंचे नल कनेक्शन

शहर में जल आपूर्ति की सबसे ज्यादा भागीदारी कोलार बांध की है, जहां से रोजाना 34 मिलियन गेलन पानी प्रतिदिन शहर में सप्लाई किया जाता है। लेकिन नगर निगम के 85 वर्डों में से 15 वार्डों तक पाइप लाइन का विस्तार नहीं हुआ है इसमें कोलार भी शामिल है। शहर की प्यास बुझाने वाले कोलार बांध का पानी कोलारवासियों को ही नसीब नहीं है।

जल प्रदाय सभापति सुरेंद्र वाडिका ने कहा कि बारिश कम होने से बड़ा तालाब नहीं भर सका है। क्षमता के मुकाबले तालाब में 6 से 8 फिट पानी कम है। जिससे गर्मी में पानी की किल्लत की आशंका बन रही है। इसके लिए जल्द रास्ता निकाला जाएगा।

जल प्रदाय के प्रोजेक्ट मैनेजर एआर पवार ने कहा, "कोलार और नर्मदा से पानी की सप्लाई तो पर्याप्त है लेकिन बड़ा तालाब में पानी कम है। परिस्थितियों को देखते अभी से कटौती करना शुरु किया जाएगा, ताकि गर्मी के लिए पानी बचाया जा सके।"

Created On :   11 Sep 2017 3:09 PM GMT

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