चंपा षष्ठी आज, ग्रह पीड़ा से मुक्ति के लिए इस विधि से करें कार्तिकेय पूजा

Champa Shashti 2017, puja vidhi vrat katha and shubh muhurt 2017
चंपा षष्ठी आज, ग्रह पीड़ा से मुक्ति के लिए इस विधि से करें कार्तिकेय पूजा
चंपा षष्ठी आज, ग्रह पीड़ा से मुक्ति के लिए इस विधि से करें कार्तिकेय पूजा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चंपा षष्ठी या बैंगन छठ इस वर्ष 24 नवंबर शुक्रवार को मनाया जा रहा है। यह व्रत भगवान शिव के मार्तंडाय.मल्लहारी स्वरूप को समर्पित है। वैसे तो इसे पूरे भारत में मनाया जाता है, लेकिन दक्षिण में इस व्रत का अधिक प्रचलन है। महाराष्ट्र में रुद्रावतार भैरव को मार्तंड.मल्लहारी के साथ ही खंडोबा भी कहा जाता है।

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने मणि-मल्लह नामक दो दैत्य भाईयों के वध के लिए खंडोबा नामक स्थान पर 6 दिनों तक युद्ध किया था। इसके बाद चंपा षष्ठी के दिन उनका वध करके सृष्टि को उनके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई। इसी स्थान पर भोलेनाथ शिव लिंग स्वरूप में प्रकट हुए थे। मणि-मल्लह का वध भगवान शिव व माता पार्वती ने मिलकर किया था। इसके लिए महादेव ने भैरव रूप व माता पार्वती ने शक्ति का रूप धारण किया था। 

 

देवसेना का सेनापति 

भविष्य पुराण में ऐसा उल्लेख मिलता है कि भगवान कार्तिकेय परिवार से नाराज हो गए थे और चंपा षष्ठी पर मल्लिकार्जुन में जाकर विराजमान हो गए। इसी दिन उन्हें देवसेना का सेनापति भी नियुक्त किया गया था। दक्षिण भारत में इस त्योहार की धूम होती है। 

महाराष्ट्र में षष्ठी के दिन पर बैंगन व बाज़रा चढ़ाकर बाजरे की रोटी व बैंगन के भर्ते का प्रसाद बांटा किया जाता है। इस दिन तेल का सेवन वर्जित बताया गया है। इसी वजह से लगभग हर घर में बैंगन भर्ते को बनाया जाता है और उसी से पूजन होता है। 

षष्ठी तिथि व मंगल ग्रह दक्षिण दिशा में कार्तिकेय को समर्पित है ऐसा उल्लेख स्कंद पुराण में लिमता है। यह व्रत धारण करने से शत्रु का नाश होता है। बुरी शक्तियों का लोप होता है और मान-सम्मान में वृद्धि होती है। विभिन्न ग्रहों के पीड़ा से भी राहत देने वाला बताया गया है यह व्रत। 

 

पूजा विधि

-शिवलिंग को प्रातः पवित्र जल से स्नान कराएं। 
-उनकी प्रिय बेलपत्र, धतुरा आदि चढ़ाएं। 
-इत्र मिले गौघृत का दीपक जलाएं। इस दिन विशेष रूप से गुलाबी फूल व अबीर चढ़ाएं। 
-बैंगन भर्ते का प्रसाद बनाकर उन्हें समर्पित करें और बाद में सभी को बांट दें। 
-ॐ मार्तंडाय मल्लहारी नमो नमः॥ इस मंत्र का जाप करें। 


पूजन मुहूर्त
 दिन 12.25 से दिन 13.45 तक। 

Created On :   24 Nov 2017 2:34 AM GMT

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