परफेक्ट रिश्ते के लिए जरूरी है सेक्स लाइफ में कम्पेटिबिलिटी

Compatibility in sex life is essential for a perfect relationship
परफेक्ट रिश्ते के लिए जरूरी है सेक्स लाइफ में कम्पेटिबिलिटी
परफेक्ट रिश्ते के लिए जरूरी है सेक्स लाइफ में कम्पेटिबिलिटी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। जब घर में किसी की शादी की बात चलती है तो सबसे पहले कुंडली मिलाई जाती है। गुण मिलाए जाते हैं। शादी के लिए 36 गुणों का मिलान किया जाता हैं। कम से कम 18 गुण और ज्यादा से ज्यादा 35 गुण ही मिलने चाहिए। गुण सही मिल गए तो बात आगे बढ़ा दी जाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि 36 गुण होते क्या हैं। दरअसल इन गुणों में लड़का और लड़की के वैवाहिक जीवन को आंका जाता हैं। जिनमें अंडस्टैंडिंग, प्यार, रिसपेक्ट, डेस्टीनेशन, हेल्थ, कम्पेटिबिलिटी जैसे चीजों को देखा जाता हैं। कहते हैं बाकि गुण मिल ना मिले कम्पेटिबिलिटी का स्कोर जरूर मैच होना चाहिए। इसका मतलब ही होता है कि आप एक दूसरे के अधूरेपन को कैसे पूरा करते हो। कम्पेटिबिलिटी सोच, रहन-सहन के साथ ही सेक्शुअल भी अच्छी होनी चाहिए। इसका अर सबसे ज्यादा आपके रिश्ते पर होता है। प्यार कम होगा तो ये कम्पेटिबिलिटी उस प्यार की कमी को पूरा कर देगी। एक दूसरे प्रति विश्वास और रिस्पेक्ट जगाती है और सेक्शुअल लाइफ को भी मेंटेन करती है। हो सकता है आपके रिश्ते में सेक्स की पहली प्राथमिकता न हो बावजूद इसके सेक्स, किसी भी पार्टनर के बीच रिश्ते का एक अहम हिस्सा है। कई बार दोनों पार्टनर के बीच सेक्शुल अनुरूपता न होने की वजह से भी कई रिश्ते टूट जाते हैं। लिहाजा ये जानना जरूरी है कि आपके और पार्टनर के बीच सेक्शुअल कम्पेटिबिलिटी यानी अनुरूपता है या नहीं? आइए जानते है कि कैसे आप कि पार्टनर के बीच सेक्स को लेकर सामंजस्य है या नहीं?

कंफर्टेबल महसूस ना होना है एक बुरा संकेत

                                        

आप दोनों सेक्स के बारे में बात करने को लेकर कितना कंफर्टेबल महसूस करते हैं? अगर दोनों में से कोई एक पार्टनर बहुत ज्यादा डिमांडिंग है या फिर दूसरे पार्टनर को कुछ ऐसा करने को कहता है जिसे करने में वो कंफर्टेबल नहीं है तो ये आपके रिश्ते के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

संतुष्टि है जरूरी

                                          

सेक्स का मतलब है आपसी संतुष्टि यानी दोनों पार्टनर एक दूसरे को खुश और संतुष्ट करने की कोशिश करते हैं। ऐसा बिलकुल नहीं होना चाहिए कि एक पार्टनर के क्लाइमैक्स पर पहुंचते ही ऐक्ट खत्म हो जाए। दूसरे पार्टनर का भी तृप्त होना उतना ही जरूरी है।

तुलना न करें

                                       

इसमें कोई दो राय नहीं कि सेक्स के दौरान सबसे बुरी चीज है तुलना। अगर दोनों पार्टनर में से कोई हर बार अपने पार्टनर की तुलना अपने एक्स से करता है तो इससे आपके रिश्ता ज्यादा दिनों तक टिक नहीं सकता।

मूड ना हो तो ना करें

                                          

सेक्स, रोजाना का कोई ऊबाउ काम नहीं है जिसे आपका मन हो या न हो करना ही पड़े। जब दोनों पार्टनर प्रफुल्लित मन से एक दूसरे के करीब आएं तभी यह एक खास पल बन पाएगा। ऐसा होने पर आपका रिश्ता और मजबूत बन जाएगा।

एक समान हो सेक्स ड्राइव 

                               

सेक्स में कामेच्छा का भी एक अहम रोल होता है। क्या आप दोनों पार्टनर के सेक्स ड्राइव अलग-अलग है। किसी एक में सेक्स ड्राइव ज्यादा होना और किसी में थोड़ा कम होने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन अगर सेक्स को लेकर दोनों पार्टनर की सोच अलग-अलग है तो समस्या हो सकती है।

बैलेंस बनाना है जरूरी

                                  
जिस तरह एक रिश्ते को बनाए रखने और बेहतर तरीके से चलाने के लिए बैलेंस की जरूरत होती है, ठीक उसी तरह सेक्स में बैलेंस बना रहना चाहिए। अगर दोनों पार्टनर में से कोई एक हर बार अपनी तरफ से कुछ ज्यादा करने की कोशिश कर रहा है और दूसरा पार्टनर कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा तो इसका मतलब है कि रिश्ते में सबकुछ ठीक नहीं है।

Created On :   10 Dec 2017 2:54 AM GMT

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