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MP कांग्रेस से मोहन प्रकाश की विदाई, अरुण यादव की उल्टी गिनती शुरू
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कांग्रेस के MP प्रभारी मोहन प्रकाश की विदाई से अरुण यादव को गहरा झटका लगा हे। इस फेरबदल से एक बार पुन: MP में नेतृत्व परिवर्तन की मांग जोर पकड़ने लगेगी। इसी के साथ यादव की उल्टी गिनती प्रारंभ हो गई।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव तथा MP प्रभारी मोहन प्रकाश को हटाए जाने की पार्टी नेताओं की विगत लंबे समय से चली आ रही मांग अंतत: अब पूरी हो हो गई। दरअसल इनकी कार्यप्रणाली से MP के दीगर नेता ही नहीं कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा दिग्विजय सिंह जैसे दिग्गज नेता भी बेहद नाराज थे। यही कारण है कि MP प्रभारी को हटाए जाने की मांग पार्टी हाईकमान से काफी लंबे समय से की जा रही थी।
अरुण यादव को बड़ा झटका
MP प्रभारी मोहन प्रकाश के हटने से सर्वाधिक नुकसान एमपी अध्यक्ष अरुण यादव को हुआ है। श्री प्रकाश लगातार एमपी अध्यक्ष की ढाल बने हुये थे। नेतृत्व को लेकर MP में जब - जब भी मुहिम चली मोहन प्रकाश अरुण यादव की ढाल बनकर खड़े हो गए। मोहन प्रकाश तथा अरूण यादव के बीच काफी बेहतर तालमेल था। इसी तालमेल के चलते लगातार हार का सामना करनेवाली MP कांग्रेस के मुखिया यादव ही बने रहे। इस बदलाव से सबसे अधिक नुकसान MP अध्यक्ष को ही हुआ है। स्थिति की गंभीरता का पता सिर्फ इसी बात से लग जाता है कि इस बदलाव की सूचना मिलते ही यादव कोप भवन में चले गए। वे शनिवार को ही पीसीसी पहुंचे थे। जैसे ही यह जानकारी उन्हें लगी वे पीसीसी मे अपने सारे कार्य छोड़ MP के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा केसाथ कमरा बंदकर गंभीर चर्चाओं में जुट गए थे। इस दौरान उनसे मिलने पहुंचे कार्यकर्ताओं को निराश लौटना पड़ा।
मजबूत हुए कमलनाथ
नए MP प्रभारी के रूप में गुजरात के दीपक बाबरिया की नियुक्ति से पूर्व केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ सबसे अधिक मजबूत होकर उभरे हैं। बताया जाता है कि गुजरात के जिन बिजनेस मेन से कमलनाथ जुड़े हुए हैं, बाबरिया भी उनके काफी नजदीक हैं। इन परिस्थितियों के चलते MP प्रभारी बाबरिया से नाथ के काफी घनिष्ट संबंध हैं। वहीं प्रभारी सचिव बनाए गए जुबेर खान भी विगत काफी समय से कमलनाथ से जुड़े हुए है। इस तरह MP में हुए बदलाव का सर्वाधिक लाभ कमलनाथ को मिलना तय माना जा रहा है।
अब क्या होगा
मोहन प्रकाश की छुट्टी के साथ ही MP कांग्रेस में एक बार पुन: नए समीकरण बनने की संभावना नजर आ रही है। अरुण यादव गुट से जुड़े कई नेता जहां पाला बदल सकते हैं वहीं कमलनाथ तथा ज्योतिरादित्य सिंधिया की सक्रियता भी और अधिक बढ़ेगी। अब तक अपने निर्वाचन क्षेत्रों तक सीमित रहने वाले ये दोनो ही दिग्गज राजधानी सहित MP में अपनी सक्रियता बढायेंगे। वहीं पार्टी हाईकमान के सामने MP प्रभारी के बाद अध्यक्ष के लिए शीघ्र निर्णय लेने की चुनौती होगी।
Created On :   11 Sep 2017 2:38 PM GMT