चुनाव तक बेंगलुरु में ही रहेंगे 42 विधायक, दो और भेजे

Congress scared, two more MLA sent to banglore
चुनाव तक बेंगलुरु में ही रहेंगे 42 विधायक, दो और भेजे
चुनाव तक बेंगलुरु में ही रहेंगे 42 विधायक, दो और भेजे

डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। कांग्रेस में इन दिनों हड़कंप का माहौल है। विधायकों के इस्तीफे के बाद वह टूट से घबरा गई है। 40 विधायकों को बेंगलुरु भेजने के बाद अब 2 और विधायकों को बेंगलुरु के लिए रवाना कर दिया गया है। इनमें शक्ति सिंह गोहिल और जीतू चौधरी शामिल हैं जो आज सुबह बंगलुरु के रिसोर्ट पहुंचे।

बताया जा रहा है कि शनिवार को दो जत्थे में कांग्रेसी विधायक बेंगलुरु पहुंचे। राज्यसभा चुनाव तक सभी विधायकों को यहां रखा जाएगा। पहले 31 विधायक इंडिगो की फ्लाइट से अहमदाबाद से बेंगलुरु पहुंचे। उसके बाद राजकोट से 9 विधायक भी बेंगलुरु पहुंच गए।

कांग्रेस के एक विधायक के मुताबिक कांग्रेस को तोड़ने के अपने गेम प्लान में बीजेपी सफल न हो पाए, इसके लिए पार्टी के विधायकों को बेंगलुरु भेजा गया है। विधायक ने कहा कि कांग्रेस के विधायकों को बीजेपी पैसे और पुलिसिया दबाव आदि के द्वारा तोड़ने का प्रयास कर रही है। 

शंकर सिंह वाघेला समर्थक विधायकों की संख्या 16 बताई जा रही है, ऐसे में अगर ये सभी 16 विधायक इस्तीफा देते हैं तो अहमद पटेल के लिए चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा। वाघेला राजनीति का एक बड़ा नाम हैं ऐसे में ये पटेल के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है। 8 अगस्त को गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान होना है।

गौरतलब है कि बेंगलुरु में विधायकों के माइंड को डाइवर्ट करने के लिए पार्टी कई प्रोग्राम बना रही है। रविवार को सभी विधायकों को तिरुपति बालाजी के दर्शन कराने ले जाया जायेगा। सूत्रों के अनुसार बताया गया कि तमाम विधायक तिरुपति के दर्शन कर भगवान से गुजरात को बाढ़ के प्रकोप से बचाने के लिए प्रार्थना करेंगे। इसी के ही साथ आने वाले दिनों में इनके लिए बहुत से प्रोग्रामों का आयोजन किया जायेगा। 

बेंगलुरु ट्रिप से थमा इस्तीफों का दौर
 गुजरात से विधायकों को दूर ले जाने का फायदा हुआ है अब इस्तीफों का सिलसिला थमता नजर आ रहा है। कांग्रेस के एक विधायक व सीनियर नेता सीके राउल के इस्तीफे की अटकलें लगाइ जा रही थी। माना जा रहा था कि वह शनिवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे देंगे। बताया जा रहा है कि उन्होंने यह कहते हुए इस्तीफा नहीं दिया कि पहले वो अपने कार्यकर्ताओं से बात करेंगे, तभी वह कोई फैसला लेंगे। राउल शंकर सिंह वाघेला के बेहद करीबी हैं, और उनके मंत्रिमंडल में भी रह चुके हैं। वाघेला के बेटे महेंद्र सिंह ने भी अपना टर्म पूरा न होने तक इस्तीफा न देने का फैसला लिया है। इस बीच, वाघेला ने सफाई दी है कि इस्तीफों में उनका हाथ नहीं है। 

Created On :   30 July 2017 4:55 AM GMT

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