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RSS को फंड देकर फंसी मनपा, पैसों का दुरुपयोग करने का आरोप
डिजिटल डेस्क,नागपुर। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) को विकास कार्यों के लिए फंड देकर मनपा विवादों में घिर गई है। ये मामला कोर्ट तक जा पहुंचा है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने RSS और नागपुर महानगरपालिका को नोटिस जारी कर दिया है। यह नोटिस नागरी हक संरक्षण मंच अध्यक्ष जनार्दन मून की याचिका पर हुई सुनवाई के बाद जारी किया गया है।
दरअसल याचिका में रेशमबाग स्थित स्मृति मंदिर के आस-पास के निर्माण कार्य का विरोध किया गया है। मामले में याचिकाकर्ता ने RSS सर संघचालक को प्रतिवादी बनाया है, जबकि RSS के आंतरिक संविधान के अनुसार मामले में RSS सरकार्यवाह को प्रतिवादी बनाना चाहिए। ऐसे में कोर्ट ने मामले से सर संघचालक का नाम हटा कर सरकार्यवाह को प्रतिवादी बनाने के भी आदेश जारी किए हैं। RSS और मनपा को 3 अक्टूबर को जवाब प्रस्तुत करना होगा।
जनता के पैसों का दुरुपयोग
याचिकाकर्ता के मुताबिक नागपुर महानगरपालिका की स्टैंडिंग कमेटी ने हाल ही में स्मृति मंदिर परिसर में सुरक्षा दीवार बनाने के लिए और यहां से सड़क बनाने के लिए 1 करोड़ 37 लाख रुपए मंजूर किए हैं। याचिकाकर्ता का इस पर विरोध है। उनकी दलील है कि RSS एक गैर पंजीकृत संस्था है। ऐसे में RSS के लिए लाभकारी निर्माण कार्य करके मनपा करदाताओं के पैसों का दुरुपयोग कर रही है, जबकि अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए मनपा के पास फंड की कमी है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को जानकारी दी है कि इस योजना का पता चलते ही उन्होंने स्टैंडिंग कमेटी के निर्णय की प्रति मांगी, जो अब तक उन्हें नहीं दी गई। इसके बाद याचिकाकर्ता ने मनपा आयुक्त और स्टैंडिंग कमेटी को ज्ञापन सौंप कर निर्माण कार्य की योजना रद्द करने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने कोर्ट की शरण ली है। याचिकाकर्ता ने इस निर्माण कार्य को अवैध बता कर इसे रद्द करने का आदेश जारी करने की मांग की है।
Created On :   21 Sep 2017 6:32 AM GMT