देवी लक्ष्मी को सिद्ध करने दिवाली की रात ही पढ़े जाते हैं ये विशेष मंत्र
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कार्तिक माह में दिवाली की रात अमावस्या की है। ये रात साधना की रात भी कही जाती है। देव और बुरी शक्तियों को जगाने के लिए भी रात को पूजा व तप किया जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि इस रात को यदि माता लक्ष्मी और कुबेर प्रसन्न हो जाएं तो धन की बरसात होने लगती है। सिर्फ नाम ही नहीं प्रसिद्धि व उपलब्धियां भी व्यक्ति के खाते में आती हैं।
यह विपुल ऐश्वर्य, सौभाग्य, समृद्धि और वैभव की अधिष्ठात्री देवी श्री महालक्ष्मी का पूजन, अर्चन, वंदन स्तवन का पर्व है। दिवाली की रात अगणित दीपों के प्रकाश में विष्णुप्रिया देवी कमलासना महालक्ष्मी का आह्वान किया जाता है। यहां हम आपको कुछ ऐसे मंत्र बताने जा रहे हैं जिनका पूजन के दौरान जप करके आप देवी लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं...
करें इन मंत्रों का जाप
ॐ हिरण्य वर्णा हरिणीं सुवर्णरजस्त्राम
चंद्रा हिरण्यमयी लक्ष्मी जात वेदो म्आवह।
पद्मानने पद्मिनी पद्मपत्रे पद्मप्रिये
पद्मदलायताक्षि विश्वप्रिये विश्वमनोनुकूले
त्वत्पादपद्मं मयि सन्निधस्त्व।।
ॐ श्रीं-श्रीं सहस्त्र रुपा सर्वव्यापी लक्ष्मी सिद्धये श्रीं-श्रीं ॐ नम:
ॐ क्लीं ॐ।।
ॐ श्रीं श्रीं।।
ॐ श्रीं श्रीये नम:
सहस्त्र रुपा सर्वव्यापी मां लक्ष्मी के रूप
1-धन लक्ष्मी, 2-स्वास्थ्य लक्ष्मी, 3-पराक्रम लक्ष्मी, 4-सुख लक्ष्मी, 5-संतान लक्ष्मी, 6-शत्रु निवारण लक्ष्मी, 7-आनंद लक्ष्मी, 8- दीर्घायु लक्ष्मी, 9-भाग्य लक्ष्मी, 10-पत्नी लक्ष्मी, 11-राज्य सम्मान लक्ष्मी, 12- वाहन लक्ष्मी, 13-सौभाग्य लक्ष्मी, 14-पौत्र लक्ष्मी 15-राधेय लक्ष्मी।
ऐसा कहा जाता है कि इन मंत्रों का जाप आधी रात के वक्त किया जाए ताे मां लक्ष्मी की अाराधना की जाए तो निश्चित ही उसका शुभ फल प्राप्त हाेता है। प्रत्येक दिवाली के दिन अमावस्या होती है अतः इसी दिन इन मंत्रों का जाप व पूजा करना लाभप्रद होता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से सहस्त्ररुपा सर्वव्यापी लक्ष्मी जी सिद्ध होती हैं। शुभ मुहूर्त में किया गया जप दाेगुना फलाें के साथ प्राप्त होगा।
Created On :   16 Oct 2017 6:51 AM GMT