किसानों पर बिजली कटौती की दोहरी मार, फसल को नहीं दे पा रहे सिंचाई

Electricity cut is double problem for farmers in MP
किसानों पर बिजली कटौती की दोहरी मार, फसल को नहीं दे पा रहे सिंचाई
किसानों पर बिजली कटौती की दोहरी मार, फसल को नहीं दे पा रहे सिंचाई

डिजिटल डेस्क, कटनी। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की अघोषित कटौती से किसानों की जमकर फजीहत हो रही है। बिजली कंपनी के अफसरों द्वारा किसानों को फसल की सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली देने के दावे जरूर किए जा रहे हैं, लेकिन एक फेज के लो-बोल्टेज होने की समस्या नासूर बनती जा रही है। जिले के करीब 150 गांवोंं में पिछले एक सप्ताह से बिजली की आंख मिचौली जारी है। इनमें से 25 गांवों के ट्रांसफार्मर जले होने से बिजली की आपूर्ति ठप है।

बिल की बकायेदारी बनी रोड़ा  
जिले में 56 ट्रांसफार्मर के फेल होने के बाद भी बिजली बिल की बकायेदारी इनके बदलने में रोड़ा बनी हुई है। बिजली कंपनी के अफसरों का कहना है कि कंपनी के सर्कुलर के अनुसार यदि बिल का भुगतान नहीं किया जा रहा है तो ट्रांसफार्मर नहीं लगाए जाएंगे। जिले में अल्पवर्षा के चलते किसानों की खेत में खड़ी फसल सूखने के कगार पर है। ऐसे में बिजली कंपनी द्वारा जले ट्रांसफार्मर को बदलने में हाथ खड़े करने से किसान दोहरी मार का शिकार होने के लिए मजबूर हैं। जानकारों का कहना है कि बिजली कंपनी के अफसर नाकामी छिपाने के लिए कंट्रोल रूम में फोन उठाने में भी परहेज कर रहे हैं। कंट्रोल रूम में शिकायतों से परेशान बिजली अमले ने फोन को आउट ऑफ आर्डर कर दिया है।

अफसरों के नहीं उठ रहे फोन
जिले भर में बिजली की तबाही के चलते जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने आम लोगों का फोन उठाना बंद कर दिया है। हैरत की बात तो यह है कि जले ट्रांसफार्मर की शिकायत के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम में बिजली कर्मी लोगों का कॉल रिसीव नहीं कर रहे हैं। भास्कर द्वारा बिजली अफसरों का पक्ष जानने के लिए अधीक्षण यंत्री के मोबाइल नंबर पर कई बार कॉल किया, लेकिन बार-बार रिंग जाने के बाद एसई पीके मिश्रा ने कॉल रिसीव नहीं किया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम लोगों को अफसरों का कैसे रिस्पांस मिल रहा होगा।

कागजों में आंकड़ों का खेल
शहर समेत जिले के 7 ब्लाकों में बिजली की अघोषित कटौती से परेशान लोगों की समस्या का निदान करने की बजाय बिजली विभाग के अफसर कागजों में आंकड़ों का खेल करने में जुटे हुए हैं। बिजली कंपनी के अफसरों द्वारा इस साल अधिक यूनिट बिजली की सप्लाई करने के  दावे किये जा रहे हैं। लेकिन अंधाधुंध कटौती अफसरों के दावों की पोल खोल रही है। बताया जाता है कि बिजली कंपनी द्वारा ट्रांसफार्मर को बदलने में भी नियमों का अड़ंगा लगाया जा रहा है।
 

Created On :   13 Sep 2017 2:39 AM GMT

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