जमीने छिनी पर नहीं मिला रोजगार ,किसान कर रहे भूख हड़ताल

farmers on hunger strike after No employment on land acquisition
जमीने छिनी पर नहीं मिला रोजगार ,किसान कर रहे भूख हड़ताल
जमीने छिनी पर नहीं मिला रोजगार ,किसान कर रहे भूख हड़ताल

डिजिटल डेस्क अनूपपुर। एसईसीएल हंसदेव क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कुरजा, परसापानी, दलदल में कुरजा उप क्षेत्र का विस्तार करने के लिए वर्ष 2014 में 235 किसानों की जमीन का सीमांकन कराते हुए भूमि अधिग्रहण प्रारंभ किया गया।  3 वर्ष बीत जाने के बाद भी किसानों को मुआवजा तथा रोजगार देने की कार्यवाही पूरी न होने तथा कालरी प्रबंधन के द्वारा दिए जा रहे झूठे आश्वासन से परेशान किसानों हैं । किसानों के द्वारा 3 अक्टूबर से कुरजा उप क्षेत्र के कोयला परिवहन का कार्य  रोका जाएगा। इस मामले में भी पूर्व में भूख हड़ताल पर बैठे किसानों को आदंोलन से उठाते हुए प्रशासन ने मध्यस्थता कर जल्द रोजगार व मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया था लेकिन समय बीतने के बाद भी कालरी प्रबंधन अपने वादे को पूरा नहीं कर पाई।एसईसीएल जमुना कोतमा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोहका, निमहा तथा आमाडांड कालरी से प्रभावित किसानों के द्वारा 20 सितंबर से रोजगार, मुआवजा, पुनर्वास नीति का पालन न करने तथा भू-अर्जन की गई जमीनों के बदले रोजगार देने से मना करने के मामले को लेकर कालरी प्रबंधन के विरोध में 30  किसान  क्रमिक भूख हड़ताल कर रहे हैं। किसानों का आरोप है कि कालरी प्रबंधन उनकी मांगे नहीं सुन रहा, वहीं जिला प्रशासन इस मामले पर किसानों की कोई मदद आज तक नहीं कर पाया जिसे लेकर किसानों को इसके लिए बाध्य होना पड़ा।
अनूपपुर जिला अंतर्गत जमुना कोतमा तथा हसदेव क्षेत्र अंतर्गत लगभग 20 कालरियां संचालित हो रही हैं जहां कालरी प्रबंधन प्रतिमाह कोयले का उत्पादन कर करोड़ों रुपए का कोयला उत्खनन कर रही है। इसके साथ ही जिले को भी इन कालरियों के संचालन से राजस्व की प्राप्ति हो रही है। जिससे विभिन्न विकास कार्य कराए जा रहे हैं लेकिन इसके विपरीत जिन किसानों की जमीन अर्जित कर कालरी का संचालन किया जा रहा है वह रोजगार तथा मुआवजा न दिए जाने से कालरी की हठधर्मिता के शिकार हो रहे हैं। इन मामलों में जिला प्रशासन की भूमिका भी भ्ूामि अधिग्रहण के बाद किसानों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण न होने से जिले में ऐसे 300 से अधिक मामले हैं जिनमें भूमि अधिग्रहण के बाद रोजगार न दिए जाने की वजह से भूस्वामी आर्थिक तंगी के शिकार होते जा रहे हैं जिस पर कार्यवाही न होने से किसान परेशान हैं।
इनका कहना है।
जिन मामलों में किसान पात्रता रखते हैं रोजगार न मिलने पर कार्यवाही की जाती है। कई बार किसान अपात्र होते हुए भी रोजगार के लिए शिकायतें करते हैं। जिन पर किसान को लाभ नहीं दिया जा सकता।
डा. आरपी तिवारी, अपर कलेक्टर अनूपपुर                         

 

Created On :   23 Sep 2017 8:45 AM GMT

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