दूसरे विश्वयुद्ध में सेक्स स्लेवरी का सच बताता वीडियो, जापानी सैनिकों के साथ होती थीं 'कम्फर्ट वुमन'

first footage of wwii comfort women
दूसरे विश्वयुद्ध में सेक्स स्लेवरी का सच बताता वीडियो, जापानी सैनिकों के साथ होती थीं 'कम्फर्ट वुमन'
दूसरे विश्वयुद्ध में सेक्स स्लेवरी का सच बताता वीडियो, जापानी सैनिकों के साथ होती थीं 'कम्फर्ट वुमन'

डिजिटल डेस्क, सियोल। 'कम्फर्ट वुमन' एक ऐसा शब्द जो अपने आप में द्वितीय विश्वयुद्ध के डरावने पल समेटे हुए है। यह शब्द सुनते ही 20वीं शताब्दी के एशिया की डरावनी तस्वीरें उभर आती हैं। अब तक इस शब्द के ईद-गिर्द बुनी कहानियां ही सुनने को मिली हैं। कुछ तस्वीरें भी थी जो इन कहानियों की भयावहता की पुष्टि करती थी। लेकिन हाल ही में दक्षिण कोरिया सरकार ने एक वीडियो क्लीप जारी कर फिर उन पलों को जिंदा कर दिया है।

पिछले दिनों दक्षिण कोरिया सरकार ने 18 सेकंड का एक वीडियो जारी किया। इस वीडियो में सात महिलाएं दिखाई दे रही हैं, जिनसे एक चाइनीज़ सैन्य अफसर बातें कर रहा है। बता दें कि ये सात महिलाएं उन 2 लाख महिलाओं में से हैं जिन्हें जापानी सेना सेक्स स्लेव के रूप में इस्तेमाल करती थी। इन्हें ही 'कम्फर्ट वुमन' के नाम से जाना जाता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय युद्ध के तनाव को दूर करने के लिए ये 'कम्फर्ट वुमन' सैनिकों का मन बहलाती थीं। चीन, कोरिया और फिलीपींस के अपने अधिकृत क्षेत्रों से जापानी सेना इन लड़कियों और महिलाओं को उठा लाती थी।

कम्फर्ट वुमन की मौजूदगी का सबूत देता एकमात्र वीडियो
'कम्फर्ट वुमन' की मौजूदगी का सबूत देता यह एकमात्र वीडियो है। ऐसा माना जा रहा है कि यह वीडियो 1944 में यूएस-चाइना कम्बाइन्ड फोर्स के एक अमेरिकी सैनिक द्वारा बनाया गया है। जिसे सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी की रिसर्च टीम ने कई सालों की खोज के बाद ढूंढा है। रिसर्चरों का कहना है कि वीडियो में ये कम्फर्ट वुमन नंगे पैर और चिंतित दिखाई दे रही है जिससे समझा जा सकता है कि जापानी सैनिकों को खुश करने के लिए इन्हें जबरन युद्ध क्षेत्रों में भेजा जाता था।

ऐसे सामने आया था सच
द्वितीय विश्वयुद्ध खत्म होने के साथ ही 'कम्फर्ट वुमन' का सच भी दब गया लेकिन 1990 में जब पीड़िताओं ने लोगों के सामने आकर अपनी कहानियां सुनाई तब जाकर यह सच दुनिया के सामने आया। इस पर कई रिसर्च भी हुईं हैं। कुछ तस्वीरें पहले से ही दुनिया के सामने इस काले सच को दिखाती रही हैं। दिसंबर 2015 में इस मामले में जापान और दक्षिण कोरिया के बीच एक समझौता भी हुआ था जिसके तहत जापान सरकरा ने 46 दक्षिण कोरियाई पीड़ितों को 83 लाख डॉलर की सहायता राशि देने की हामी भरी थी।

बनेगा म्यूजियम
दक्षिण कोरिया सरकार 'कम्फर्ट वुमन' पर एक म्यूजियम भी बनाने जा रही है। म्यूजियम बनाने के पीछ मकसद युद्ध के दौरान मानवीय अधिकारों के उल्लंघन को दिखाना है ताकि लोग यह याद रखें कि युद्ध सिर्फ बुरे पल ही पीछे छोड़कर जाता है।

Created On :   16 July 2017 12:45 PM GMT

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