नोटबंदी के फैसले पर 10 महीने बाद टूटी रघुराम राजन की चुप्पी

Former Governor Raghuram Rajan wants to come back in RBI
नोटबंदी के फैसले पर 10 महीने बाद टूटी रघुराम राजन की चुप्पी
नोटबंदी के फैसले पर 10 महीने बाद टूटी रघुराम राजन की चुप्पी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए दोबारा RBI के साथ काम करने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने मोदी सरकार के आर्थिक फैसलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि सिर्फ "मेक इन इंडिया" नहीं "मेक फॉर इंडिया" भी हो। इस इंटरव्यू में राजन ने पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या  पर उठे विवाद पर कहा कि भारत जैसे देश के लिए इनटॉलरेंस समाज बनना खतरनाक साबित होगा। 

इंटरव्यू की ख़ास बातें

  • राजन ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि GDP में 1-2 प्रतिशत की गिरावट नोटबंदी की वजह से हुई है। RBI के नए नोट छापने से इस योजनाओं के फायदे पर काफी असर पड़ा।
  • जेपी मॉर्गन के मुताबिक नोटबंदी की वजह से 1-2 प्रतिशत GDP के बराबर नुकसान हुआ है, जो कि लगभग 2 लाख करोड़ के आसपास है।
  • फायदे की बात करें तो Tax से सि‍र्फ लगभग 10 हजार करोड़ की आमदनी हुई।
  • RBI जैसी एक स्वतंत्र संस्था की जरूरत इसलिए है, क्योंकि उसके पास नोट प्रिंट करने का अधिकार है।
  • अगर सरकार खुद अपने रुपए प्रिंट करें तो भारत भी जिंबाब्वे बन सकता है।
  • नोटबंदी के लिए सरकार को RBI के परमिशन की जरूरत नहीं थी। नोटबंदी के लिए कोई तारीख नहीं मिली थी।
  • मैंने इस्तीफा नहीं दिया, मेरा टर्म खत्म हुआ था। मैं आगे भी काम करने के लिए तैयार था। 
  • राजन ने अपनी मंशा जाहिर की और कहा कि वह दोबारा वापसी करना चाहेंगे।

पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या पर भी राजन? 

बैंग्लोर में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद उपजे विवाद पर RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने इसे इनटॉलरेंस बताया है। राजन ने कहा कि "भारत में इनटॉलरेंस बढ़ना महंगा साबित हो सकता है। देश की इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए टॉलरेंस होना बहुत जरूरी है।" इसके आगे उन्होंने कहा कि "पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या इसलिए बड़ा मुद्दा बन गई क्योंकि लोगों को लग रहा है कि उनकी पत्रकारिता की वजह से उनकी हत्या की गई। अभी हमें जांच का इंतजार करना चाहिए और अभी किसी भी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी।"

राजन ने आगे कहा कि हम अपने इकोनॉमी को इनोवोटिव बनाना चाहते हैं और इसके लिए टॉलरेंट होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि टॉलरेंस या सहिष्णुता हमारी पहचान है और हमें बहुत सावधान रहना चाहिए कि कहीं हम इसे खो न दें। 

Created On :   7 Sep 2017 6:39 PM GMT

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