VIDEO : ऐसे होता है 'शनिदेव' का भव्य-तांत्रिक पूजन, इन 4 मंत्रों से करें प्रसन्न
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पुराणों में शनि ग्रह के संबंध में अनेक कथाएं प्रचलित हैं। शनिदेव को सूर्य पुत्र एवं कर्मफल दाता माना जाता है। लेकिन साथ ही शनि पितृ शत्रु भी शनि ग्रह के सम्बन्ध में अनेक भ्रान्तियां हैं और इसलिये शनिदेव को मारक और दुख कारक माना जाता है। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार शनि कर्म के अनुसार मनुष्य को फल देता है, लेकिन शनि उतना अशुभ और मारक नही है जितना उसे माना जाता है।
यह हर प्राणी के साथ उचित न्याय करते हैं, जो अनुचित विषमता और अस्वाभाविक समता को आश्रय देते हैंए शनि केवल उन्ही को दण्डित करते हैं। ज्योतिष शास्त्रों में शनि को अनेक नामों से सम्बोधित किया गया है। जैसे मन्दगामी, सूर्य-पुत्र, शनिश्चर और छायापुत्र आदि। यहां हम शनिदेव को प्रसन्न करने के मंत्र व उपाय बताने जा रहे हैं....
ऐसी मान्यता है कि भगवान शनिदेव को ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को शनि की महादशा और साड़ेसाती प्रकोप से भी राहत मिलती है।
शनि देव का तांत्रिक मंत्र
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।
शनि देव के वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।
शनि देव का एकाक्षरी मंत्र
- शनिवार शनि का दिन माना गया है। इस दिन शनिदेव को तेल चढ़ाने पीपल पर जल देने कुत्ते को भोजन कराने आदि से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
- काली वस्तुओं का दान भी उत्तम बताया गया है।
- भगवान शनि देव को प्रसन्न करने के लिए करे शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष की विधि-विधान से पूजा करें।
- पीपल के नीचे दीप जलाने और विधि-विधान से पूजन भी घर में शांति समृद्धि लेकर आता है।
- शनिदेव को तेल के साथ तिल भी प्रिय है। कहा जाता है कि इससे उन्हें शांति मिलती है। इसलिए तिल-तेल चढ़ाने के साथ इनका दान भी करना चाहिए।
Created On :   23 Sep 2017 5:01 AM GMT