यहां हाथियों को परोसे जा रहे हैं लजीज पकवान, हो रही है मालिश

Gajrajs service in Kanha National Park, elephant resuscitation camp started
यहां हाथियों को परोसे जा रहे हैं लजीज पकवान, हो रही है मालिश
यहां हाथियों को परोसे जा रहे हैं लजीज पकवान, हो रही है मालिश

डिजिटल डेस्क, मंडला। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में गजराज की सेवा की जा रही है। यहां हाथी रिजुविनेशन कैम्प शुरू हो गया हेै, विभागीय हाथियों को नहलाकर पकवान खिलाए जा रहे हैं। फील्ड डायरेक्टर संजय शुक्ला ने पारंपरिक विधि से हाथियों का सम्मान करते हुए कैम्प की शुरूआत की। कैम्प 6 अगस्त तक कान्हा परिक्षेत्र के देशीनाला के समीप चलेगा। 

हाथियों में नई ऊर्जा के संचार और मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए प्रतिवर्ष कान्हा नेशनल पार्क में विभागीय हाथियों का प्रबंधन किया जा रहा है। हाथियों रिजुविनेशन केम्प में 14 विभागीय हाथियों के स्वास्थ्य की विशेष देखरेख की जा रही है। कान्हा के उमरपानी बीट, बायसन रोड, देशीनाला के पास आयोजित कैम्प में गजराज की सेवा चल रही है। महावत और चारा कटर, विभागीय हाथियों की सेवा में जुटे है। हाथियों को अतिरिक्त खुराक विटामिन, मिनरल, फल-फूल खिलाए जा रहे है। daily सुबह-सुबह हाथियों को नहलाकर केम्प में लाया जा रहा है। हाथियों के पैर में नीम तेल और सिर में अरण्डी के तेल से मालिश की जा रही है और हाथियों को केला, मक्का, आम, अन्नानास, नारियल खिलाकर जंगल में छोड़ा जा रहा है। दोपहर को दोबारा हाथी कैम्प में लाए जा रहे है और रोटी, गुड़, नारियल, पपीता खिलाया जा रहा है। 

बताया गया है कि हाथियों के रक्त के नमूने की भी जांच की जा रही है। नाखूनों की ड्रेसिंग, दवा के द्वारा पेट के कृमियों की सफाई और हाथियों के दांत की आवश्यकतानुसार कटाई की जा रही है। इस दौरान हाथियों की सेवा में लगे महावतों और चारा कटरों का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। विगत कई वर्षों से कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में विभागीय हाथियों का प्रबंधन किया जा रहा है, यहां 14 हाथी है। कैम्प 6 अगस्त तक चलेगा, इस दौरान हाथियों का विशेष ख्याल रखा जाएगा। इस कैम्प के माध्यम से हाथियों में नई ऊर्जा का संचार होता है। मानसिक आराम के साथ इन सामाजिक प्राणियों को एक साथ समय बिताने का मौका भी मिलता है। 

Created On :   31 July 2017 12:52 PM GMT

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