साइना-सिंधु से सबक ले रहे पुरुष खिलाड़ी

Golden Round of Indian Badminton, saina, sindhu, srikant and pranit on the top
साइना-सिंधु से सबक ले रहे पुरुष खिलाड़ी
साइना-सिंधु से सबक ले रहे पुरुष खिलाड़ी

टीम डिजिटल, नई दिल्ली। भारतीय बैडमिंटन में साइना नेहवाल और पीवी सिंधु जैसी महिला खिलाड़ियों का बस नाम ही काफी है। इन्होंने बैडमिंटन में अपना वो मुकाम हासिल किया है, जिसकी लोग मिसाल देते हैं। लेकिन अब पुरुष वर्ग भी इनकी छाया से बाहर निकलते हुए साइना-सिंधु की राह पर चल पड़े हैं। बी साई प्रणीत और किदांबी श्रीकांत ने तो बैडमिंटन में बड़े-बड़े धुरंधरों को धूल चटाकर इतिहास रच दिया है।

भारत में साइना और सिंधु के बाद पुरुष खिलाड़ियों में किदांबी श्रीकांत,बी साई प्रणीत और प्रणय का ही नम्बर आता है। इस खेल में लड़कियों के बाद पहली बार पुरुष खिलाड़ियों के उम्दा प्रदर्शन ने उनका ग्राफ ऊपर किया है। किदांबी श्रीकांत, परुपल्ली कश्यप, एच एस प्रणॉय और अजय जयराम जैसे खिलाड़ियों ने वर्ल्ड सुपर सीरीज में कमाल दिखाकर अपनी काबिलियत साबित की है।

श्रीकांत ने तो विश्व के नंबर एक खिलाड़ी, ओलम्पिक चैंपियन और विश्व चैंपियन खिलाड़ियों को एक के बाद एक हराया है। यह ऐसी उपलब्धि है, जो अब तक किसी भारतीय खिलाड़ी को हासिल नहीं थी। श्रीकांत ने ओलम्पिक चैंपियन चीन के चेन लोंग को लगातार गेमों में 22-20, 21-16 से हराकर ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सीरीज का पुरुष एकल वर्ग का खिताब जीतकर इतिहास रचा।

विश्व के 11वें नंबर के खिलाड़ी श्रीकांत का इंडोनेशिया ओपन के बाद यह लगातार दूसरा सुपर सीरीज खिताब और ओवरऑल चौथा सुपर सीरीज खिताब था। उन्हें इसी साल अप्रैल में खेले सिंगापुर ओपन फाइनल में हमवतन बी साई प्रणीत से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने इंडोनेशिया ओपन के फाइनल में जगह बनाई थी और खिताब जीता।

श्रीकांत लगातार तीन सुपर सीरीज फ़ाइनल में खेलने वाले पहले भारतीय और दुनिया के छठे खिलाड़ी बने हैं। श्रीकांत अपने लगातार शानदार प्रदर्शन के दम पर 22 जून को जारी विश्व रैंकिंग में 11 स्थानों की छलांग लगाकर 11वें स्थान पर पहुंच गए थे और अब अगले गुरुवार को जब नई रैंकिंग जारी होगी तो वह टॉप 10 में पहुंच जाएंगे।

इसके बाद बात करें बी साई प्रणीत को तो उन्होंने भी सिंगापुर ओपन के फ़ाइनल में श्रीकांत को हराकर खिताब जीता था। प्रणीत ने इस साल थाईलैंड ओपन का खिताब भी जीता और वह सैयद मोदी टूर्नामेंट में रनर अप भी रहे। प्रणीत अभी उभरते हुए खिलाड़ी के तौर पर अपना जलवा बिखेर रहे हैं।

गौरतलब हो कि एक समय था जब भारत ओलंपिक में एक आद मेडल जीतने को तरस जाता था। इसी बीच 2012 लंदन ओलंपिक आया, जिसको भारतीय खेलों के सुनहरे अध्याय के रूप में देखा जाता है। देश को लंदन में 5 मेडल मिले थे, इनमें में से एक पदक साइना नेहवाल ने बैडमिंटन में दिलाया था। यह दौर भारतीय बैडमिंटन के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ और भारत में बैडमिंटन का शानदार दौर भी शुरू हो गया।

Created On :   27 Jun 2017 1:25 PM GMT

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