गोरखपुर त्रासदीः डीएम की जांच रिपोर्ट में सामने आए 63 बच्चों की मौत के 'गुनहगार'

Gorakhpur tragedy: In the case of death of 63 children, DM submitted reports to the government
गोरखपुर त्रासदीः डीएम की जांच रिपोर्ट में सामने आए 63 बच्चों की मौत के 'गुनहगार'
गोरखपुर त्रासदीः डीएम की जांच रिपोर्ट में सामने आए 63 बच्चों की मौत के 'गुनहगार'

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज (BRD) में 63 बच्चों की मौत के मामले की जांच रिपोर्ट डीएम राजीव रौतेला ने शासन को सौंप दी है। रिपोर्ट के मुताबिक ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स और ऑक्सीजन यूनिट के इंचार्ज डॉक्टर सतीश को जिम्मेदार ठहराया गया है। डीएम रौतेला ने रिपोर्ट में इस बात का जिक्र करते हुए मामले में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, एनेस्थीसिया विभाग के हेड, सीएमएस, कार्यवाहक प्राचार्य, नियोनेटल वार्ड के प्रभारी और बाल रोग विभाग की हेड की लापरवाही का भी उल्लेख किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉ. सतीश को लिखित रूप से समस्या बताई थी लेकिन उन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर स्पालाई में बाधाएं उत्पन्न की। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज का लेखा विभाग और उसके कर्मचारी भी इस लापरवाही में बराबर के जिम्मेदार हैं। शासन से मिले बजट के बारे में प्राचार्य को लेखा विभाग ने सूचित नहीं किया। बार-बार भुगतान करने के आग्रह के बावजूद पेंडिंग बिलों का भुगतान नहीं किया गया और न ही प्राचार्य को जानकारी दी गई। इसके लिए उदय प्रताप शर्मा, संजय कुमार त्रिपाठी, सुधीर कुमार पांडेय भी प्रथम नजर में दोषी पाए गए।

रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनी ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई रोकने के लिए जिम्मेदार है। मासूम बच्चों की जिंदगी को देखते हुए कंपनी को ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई नहीं बंद करनी चाहिए थी।

गैरतलब है कि BRD अस्पताल में मासूम बच्चों की मौत के बाद राज्य स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने प्रिसिंपल राजीव मिश्रा को सस्पेंड कर दिया गया था। हालांकि मिश्रा ने इसके लिए ऑक्सीजन सप्लायर कंपनी को ही दोषी ठहराया था। इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने गोरखपुर का दौरा किया था। योगी ने मासूम बच्चों की मौत के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी भरोसा दिलाया था।

वहीं ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली बली कंपनी पुष्पा सेल्स ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि "हो सकता है कि ये मौतें ऑक्सीजन के लिए जरूरी सिलेंडर की कमी से नहीं, बल्‍कि हॉस्प‍िटल में सिलेंडर चेंज के दौरान लापरवाही से हुई हों। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन का पेमेंट के लिए प्रमुख सचिव को करीब सौ टिट्ठयां लिखीं जा चुके है।

बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों के अपराधी वहां के प्रधानाचार्य और अन्य प्रभारी हैं। डीएम गोरखपुर ने शासन को जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें इन सभी की लापरवाही का खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रिंसिपल, एनेस्थीसिया विभाग के हेड, सीएमएस, कार्यवाहक प्राचार्य, नियोनेटल वार्ड के प्रभारी, बाल रोग विभाग की हेड की लापरवाही के कारण ये हादसा हुआ। यदि समय पर इन अधिकारियों ने एक्शन लिया होता तो शायद ये नौबत न आती।

Created On :   17 Aug 2017 2:39 AM GMT

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