बेरोजगारी की आग में झुलस रही युवाओं की जिंदगी, हर 500 में से केवल 3 को ही नौकरी

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बेरोजगारी की आग में झुलस रही युवाओं की जिंदगी, हर 500 में से केवल 3 को ही नौकरी
बेरोजगारी की आग में झुलस रही युवाओं की जिंदगी, हर 500 में से केवल 3 को ही नौकरी

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। एक तरफ तो हमारा देश डिजिटलाइजेशन की तरफ कदम बढ़ा रहा है, वहीं दूसरी तरफ देश के युवाओं की जिन्दगी बेरोजगारी की आग में झुलस रही है। देश में रोजगार की हालत इतनी खराब है कि नौकरी की तलाश में रोजगार केंद्र में पंजीकरण कराने वाले हर 500 व्यक्ति में से केवल 3 को ही रोजगार मिल पा रहा है। फिलहाल इस मामले को लेकर हाल ही में आई सरकारी रिपोर्ट के आंकड़े तो यही कहते हैं। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि बेरोजगारी के मामले में पीएम मोदी का गृह राज्य गुजरात सबसे आगे है।

अब नहीं चाहिए गुजरात में नौकरी ?

आंकड़ों को देखें तो गुजरात को छोड़कर पूरे देश के रोजगार सेन्टरों द्वारा 2015 में नौकरी दिलाने का औसत 0.57% रहा। गुजरात में ये औसत पिछले कई सालों से 30 प्रतिशत से अधिक रहा है। बल्कि गुजरात में नौकरी चाहने वालों की संख्या ज्यादा नहीं है। जिस समय तमिलनाडु में नौकरी के लिए लगभग 80 लाख रजिस्ट्रेशन हुए थे, उस समय गुजरात में केवल 6.88 लाख रजिस्ट्रेशन हुए थे। तमिलनाडु के बाद पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, केरल और महाराष्ट्र जैसे राज्य थे, जहां नौकरी के आवेदकों की संख्या बहुत अधिक थी।

कुल रजिस्ट्रेशन में से केवल 0.1 फीसदी को रोजगार 

आईई के मुताबिक इन पांच (तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, केरल और महाराष्ट्र) राज्यों में 2015 में रोज़गार एक्सचेंजों के साथ कुल रजिस्ट्रेशन का 60 प्रतिशत हिस्सा है। और चौंकाने वाली बात ये है कि कुल रजिस्ट्रेशन में से केवल 0.1% प्लेसमेंट ही हो पाए  हैं। गुजरात और गोवा को छोड़ दें तो देश का कोई भी राज्य,1% युवा को भी रोजगार नहीं दिला पाया। महाराष्ट्र 13,400 प्लेसमेंट के साथ दूसरा स्थान पर रहा है। हालांकि साल 2015 के पहले नौ महीने में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अंडर काम करने वाले रोजगार सेन्टरों में रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई थी। पिछले चार सालों से भी रोजगार सेन्टरों में रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।

14.85 लाख लोगों में से 3000 को जॉब 

नेशनल करियर सर्विस के तहत पूरे देश में चलने वाले रोजगार सेन्टरों में 53 सेक्टरों में 3000 लोगों को प्राइवेट और सरकारी नौकरी दिलाई गई। नेशनल करियर सर्विस के पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार इस दौरान कुल 14.85 लाख लोगों ने नौकरी के लिए पंजीकरण कराया था। पोर्टल 'नौकरी मेला' भी लगवाता है, जिससे एम्प्लोयेर और कैंडिडेट आपस में बात कर सकें। श्रम मंत्रालय की सालाना रिपोर्ट के अनुसार रोजगार सेन्टरों द्वारा दिलाई गई ज्यादातर नौकरियां प्राइवेट सेक्टर की थीं। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा साल 2012 से सितंबर 2015 तक के आंकड़े इकट्ठा किए गए हैं।

 

Created On :   26 July 2017 5:08 AM GMT

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