हाईकोर्ट ने दी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को राहत, फैसला आने तक नौकरी बरकरार

HC reserves the right to respite and retains job till decision comes
हाईकोर्ट ने दी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को राहत, फैसला आने तक नौकरी बरकरार
हाईकोर्ट ने दी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को राहत, फैसला आने तक नौकरी बरकरार

दैनिक भास्कर न्यूज डेस्क, जबलपुर. संविदा पर नियुक्त हुए बहुद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सेवा समाप्ति पर हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश सरकार को दिए हैं। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकलपीठ ने इस बारे में दायर याचिका का निराकरण करते हुए डायरेक्टर हैल्थ सर्विस को निर्देशित किया है कि वो आवेदकों के अभ्यावेदन का 6 सप्ताह के भीतर विधि अनुसार निराकरण करें। उनका फैसला आने तक याचिकाकर्ताओं को नौकरी पर बरकरार रखा जाए।

ये मामला गुना राठौंदा निवासी उमेश शर्मा, सुनील त्रिपाठी, महेश मिलाला, ज्ञान सिंह, सूरज प्रकाश भिलाला और प्रताप सिंह रावत की ओर से दायर किया गया था। याचिका में कहा गया था कि उनकी नियुक्ति वर्ष 2010 में एनआरएचएम योजना के तहत संविदा पर बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता (एमपीडब्ल्यू) के पद पर केन्द्र सरकार के निर्देश पर हुई थी। इसके बाद उन्हें नियमित करने का भरोसा भी दिलाया गया था। इसके बावजूद 31 मई 2017 को संचालक लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने 30 जून 2017 से उनकी सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया।

इस बारे में याचिकाकर्ताओं ने 15 जून को सक्षम अधिकारी को एक आवेदन भी दिया, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई न होने पर यह याचिका दायर की गई थी। आवेदकों की ओर से अधिवक्ता नरेन्द्र शर्मा ने सुनवाई के दौरान पक्ष रखा। सुनवाई के बाद अदालत ने मामले का निराकरण करते हुए याचिकाकर्ताओं को राहत प्रदान की।

Created On :   27 Jun 2017 4:32 AM GMT

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