यहां मुस्लिम करते हैं श्रीराम का श्रंगार: एकता की मिसाल है यह रामलीला

Here Muslims do Shrirams adornment: This Ramleela is the example of unity
यहां मुस्लिम करते हैं श्रीराम का श्रंगार: एकता की मिसाल है यह रामलीला
यहां मुस्लिम करते हैं श्रीराम का श्रंगार: एकता की मिसाल है यह रामलीला

डिजिटल डेस्क  परासिया छिंदवाड़ा। सतपुड़ा की सुरम्य वादियों मेें परासिया से तामिया मार्ग पर बसा एक छोटा सा गांव पगारा पिछले 140 वर्षों से कौमी एकता की मिशाल पेश कर रहा है। हर साल शारदेय नवरात्र में इस छोटे से गांव में बैठकी के दिन से ही रामलीला का मंचन शूरू होता है जो दशहरे तक चलता है। इस रामलीला मंच  का इतिहास  जितना पुराना  है उतना ही सम्मानित भी इस रामलीला मंच की सबसे बड़ी खासियत यह है कि रामलीला का किरदार, वाद्य यंत्रों का प्रयोग और मेकअप करने तक सब कुछ गांव के ही कुछ परिवार पीढिय़ों से करते चले आ रहे हैंं और यह रामलीला मंच हिन्दू, मुस्लिम और जैन समुदाय का अनूठा संगम पेश करता है। पगारा में ठाकुर गणेश सिंह बैस ने इस रामालीला की शुरूआत सन 1890 में की थी। 
मुस्लिम परिवार की चौथी पीढ़ी कर रही श्रृंगार  
1890 में जब रामलीला मंचन की शुरूआत की गई तब सभी पात्रों का श्रृंगार करने की जिम्मेदारी मुस्लिम समुदाय के शकुर अहमद ने निभाई और रामलीला से इस परिवार का ऐसा रिश्ता बना की। शकुर अहमद के बाद उनके पुत्र रफीक अहमद फिर उनके पुत्र  मुस्तफा कुरैशी, गुलाम  मोहम्मद कुरैशी, मो. कदीर कुरैशी और अब उनके पुत्र तैयब कुरैशी हर साल रामलीला के पात्रों का श्रंृगार कर रहे हैं।  
दशहरे में चांदामेटा आता है श्रीराम का परिवार
पगारा में आयोजित होने वाला रामलीला का कार्यक्रम 140 साल पुराना है और कोयलांचल का दशहरा भी पिछले कई सालों से चांदामेटा में प्रसिद्ध है, लेकिन चांदामेटा में दशहरा और रावण दहन के लिए श्रीराम, लक्षमण व सीताजी पगारा के रामलीला से आते हैं। दशहरा के दिन जुलूस के रूप में झांकी चांदामेटा पंहुचती है और रावण दहन के कार्यक्रम के बाद यह जुलूूस वापस पगारा जाकर रामलीला का समापन करता है।
संयुक्त परिवारों का संगम
पगारा गांव की आबादी वर्तमान में 3000 है, लेकिन रामलीला के दौरान हिन्दू संयुक्तपरिवार की परिकल्पना इस गांव में साकार होती नजर आती है। रामलीला  के मंच पर किरदार तो चयनित किए जाते हैं, लेकिन वाद्य यंत्रों से लेकर व्यास गादी तक का काम पीढिय़ोंं  से चल रहा है।

 

Created On :   23 Sep 2017 11:15 AM GMT

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