इतिहासकारों का दावा- ईसा मसीह जैसा कोई शख्स कभी पैदा ही नहीं हुआ

Historian said- jesus does not exist in this world
इतिहासकारों का दावा- ईसा मसीह जैसा कोई शख्स कभी पैदा ही नहीं हुआ
इतिहासकारों का दावा- ईसा मसीह जैसा कोई शख्स कभी पैदा ही नहीं हुआ

टीम डिजिटल, लंदन. इसाई धर्म में ईसा मसीह (जीज़स) को भगवान के रूप में पूजा जाता है, लेकिन अब कुछ इतिहासकारों और ब्लॉगर्स ने ईसा मसीह पर सवाल उठाया है. इतिहासकारों का कहना है कि ईसा मसीह जैसा कोई शख्स कभी पैदा ही नहीं हुआ. इस बात का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है. कई इतिहासकारों का मानना है कि ईसा मसीह एक किवदंती मात्र हैं.

इस सम्बन्ध में कई लेखकों ने अलग-अलग विचार पेश किए हैं. मशहूर लेखक रेजा असलान की बुक 'जेलट' भी इसी मुद्दे पर आधारित है. इसके अलावा डेविड फिट्सजेरलेड की लिखी 'नेल्ड: टेन क्रिस्चन मिथ्स दैट शो जीज़स नेवर एक्जिस्टड ऐट ऑल' और बार्ट ऐरमन की लिखी 'हाऊ जीज़स बिकेम गॉड' भी इसी विषय पर आधारित हैं। इसके अलावा भी कई अन्य किताबें इस मुद्दे पर आधारित हैं.

वहीं कई इतिहासकारों का कहना है कि ईसा मसीह की ऐतिहासिक वैधता की पुष्टि के लिए कोई विश्वसनीय प्रमाण नहीं है. ईसा मसीह से जुड़े ज्यादातर प्राचीन विवरण ईसाई धर्म या फिर इससे जुड़े स्रोतों में मिलते हैं। इनमें से भी ज्यादातर विवरण ऐसे हैं जो ईसा की मौत के कई सालों बाद सुनी-सुनाई बातों के आधार पर लिखे गए हैं। इतिहासकारों का कहना है कि ईसाई धर्म के धर्मग्रंथ बाइबल में ईसा मसीह के 12 साल से लेकर 30 साल की उम्र तक का कोई जिक्र नहीं किया गया है। ऐसा माना जाता है कि 33 साल की उम्र में ईसा मसीह को सूली पर चढ़ा दिया गया था। जिसके आधार पर देखें, तो उनकी जिंदगी के कुल 33 सालों में से 18 सालों का जिक्र न होने की वजह से कई इतिहासकारों ईसा के अस्तित्व पर सवाल उठाते रहे हैं।

इतिहासकार फिट्सजेरलेड का कहना है कि सदियों तक ईसाई धर्म से जुड़ी बातों का अध्ययन करने वाले ज्यादातर विद्वान खुद ईसाई धर्म के अनुयायी थे। इसके अलावा जिन लोगों ने धर्मनिरपेक्ष रूप से भी इसके बारे में लिखा, उन्होंने भी धार्मिक किताबों को ही अपने विवरण का आधार बनाया। इसी वजह से इन्हें स्वतंत्र स्रोत नहीं माना जा सकता है।

इतिहासकार रिचर्ड कैरियर ने लिखा है कि पहली सदी के रोमन-यहूदी इतिहासकार जोसिफस की किताबों में ईसा मसीह का जिक्र किया गया है, वे भी खुद जोसिफस द्वारा नहीं बल्कि बाद के क्रिस्चन लेखकों द्वारा जोड़ी गई थीं। कैरियर का मानना है कि ईसा मसीह का चरित्र शायद प्राचीन पौराणिक कथाओं से आया और समय के साथ ये मिथक गॉस्पल (ईसा मसीह के जन्म का समाचार) का हिस्सा बन गए।

हालांकि इतिहासकारों का कहना है कि कोई शख्स तो रहा होगा, जिसके द्वारा दी गई शिक्षाओं ने बहुत लोगों को प्रभावित किया होगा। ज्यादातर इतिहासकार मानते हैं कि कोई व्यक्ति तो रहा होगा, जिससे प्रभावित होकर बाद में उसके बारे में मिथक गढ़ लिए गए। हालांकि ये भी सच है कि इस विवरण को लेकर भी पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है।

Created On :   25 Jun 2017 8:50 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story