पहली मुलाकात में इंदिरा ने सोनिया को मान लिया था बहू, कुछ ऐसा था इनका रिश्ता
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। देश की इकलौती महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज 100वीं जयंती है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिल्ली में इंदिरा गांधी मेमोरियल में अपनी सास इंदिरा जी को श्रद्धांजलि दी। सोनिया ने इंदिरा को याद करते हुए कहा कि "वो भारत की लौह महिला थीं। वो निहित स्वार्थों के विरूद्ध दृष्टिकोण के लिए लड़ती रहीं थी।"
सोनिया ने कहा कि इंदिराजी अपने कड़े संकल्पों को पूरा करने के लिए जानी जाती रही हैं, लेकिन उनकी मानवता और उदारता ने सभी को छुआ। सोनिया इंदिरा को याद करते वक्त काफी भावुक नजर आईं। सोनिया ने इंदिरा को कभी अपनी सास की तरह ना देखते हुए मां के रूप में ही देखा। इस बात की गवाही उनकी कई तस्वीरें देती हैं, जिनमें वो अपनी सास इंदिरा के साथ नजर आती हैं। उनकी हर फोटो में एक दूसरे के प्रति सम्मान देखा गया है।
सोनिया के इटली की रहने वालीं थी, उनके बारे में कई बार देश में कई बातें कही गई, लेकिन वो इंदिरा ही थीं जिन्होंने कभी भी सोनिया पर अपना विश्वास नहीं खोया। शायद यही वजह थी कि सोनिया ने सास और पति की हत्या के बाद भी देश नहीं छोड़ा और परिवार की पंरपरा को आगे बढ़ाने के लिए कमर कस ली। सोनिया ने अपनी सास के नक्शे कदम पर चलते हुए राजनीति में पैर जमाए।
मेनका से ज्यादा सोनिया पर करती थीं भरोसा
जैसे इंदिरा दोनों बेटों में से बड़े बेटे के ज्यादा करीब थीं, ठीक वैस ही वो बड़ी बहू सोनिया पर ज्यादा भरोसा करती थीं। ये सोनिया की खासियत ही थी जो इंदिरा जैसी ताकतवर महिला का भरोसा वो जीत पाई थीं और इंदिरा को भी सोनिया के स्वाभाव में दूसरों के प्रति लगाव की भावना से महसूस हो गया था कि वो एक अच्छी नेता बन सकती हैं। सोनिया ने राजनीति के सारे गुर अपनी सास इंदिरा गांधी से सीखे।
सोनिया को देखकर क्या थी इंदिरा की पहली प्रतिक्रिया?
1966 में जब इंदिरा गांधी नेहरू की एक्जिबिशन के लिए लंदन गईं, तो राजीव ने सोनिया के बारे में उन्हें पहली बार बताया। अगले दिन वो सोनिया से मिलीं। सोनिया गांधी से जब पहली बार इंदिरा गांधी से मिली तो वो बेहद शर्मा रहीं थीं। इंदिरा को उनका शर्माना भा गया कि विदेशी होकर भी इतनी झिझक। इंदिरा गांधी ने उन्हें बड़े प्यार से समझाया कि भारत के तौर-तरीके अपना लो और शर्माना छोड़ दो। बेटे की पसंद का सम्मान करते हुए इंदिरा ने सोनिया को बहू का दर्जा दिया। 25 फरवरी, 1968 को उनकी शादी हुई, तब इंदिरा पीएम थीं। इंदिरा ने उन्हें नाजुक सी सोनिया को मजबूत रहना सिखाया। वो हर पल उन्हें देश की राजनीति से रू-ब-रू करवाती रहती थीं और तरह-तरह के हालात के लिए उन्हें तैयार रहने लिए कहती थी। इंदिरा व्यस्तताओं के बीच परिवार के लिए वक्त निकाल लेती थी और कई बार सोनिया-राजीव के साथ घूमने निकल जाया करती थीं।
राहुल और प्रियंका के भी थीं करीब
इंदिरा एक अच्छी सास होने के साथ-साथ एक अच्छी दादी भी थीं। वो कई बार राहुल और प्रियंका को पढ़ाया करती थीं। उनके साथ खेलना और उनके लिए वक्त निकलना इंदिरा गांधी को काफी पसंद था।
Created On :   19 Nov 2017 6:58 AM GMT