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मोबाइल नबंर के IMEI से छेड़छाड़ करना पड़ेगा महंगा, 3 साल की हो सकती है जेल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अक्सर चोर मोबाइल फोन चोरी करने के बाद उसके IMEI नंबर से छेड़छाड़ कर देते हैं, ताकि उसे आसानी से ट्रैक न किया जा सके। लेकिन अब ऐसा करने वाले को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। मोबाइल नंबर की स्पेशल आइडेंटिटी वाले IMEI नंबर से छेड़छाड़ करना अब अपराध माना जाएगा और इस मामले पर 3 साल की कैद और जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है। दूरसंचार विभाग ने इस मामले में एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसके मुताबिक अगर कोई जानबूझकर IMEI नंबर से छेड़छाड़ करता है, तो उसके खिलाफ टेलीग्राफ एक्ट के तहत केस दर्ज किया जा सकता है।
छेड़छाड़ निरोधक नियम 2017
एक सूचना में कहा गया कि अगर किसी भी मोबाइल के IMEI के साथ जानबूझकर छेड़छाड़ किया गया या उसे मिटाने की कोशिश की गई तो उस पर तीन साल तक की जेल हो सकती है। नए नियम को "छेड़छाड़ निरोधक नियम 2017" नाम दिया गया है। ये नियम इंडियन टेलीग्राफ कानून की धारा 7 और धारा 25 के संयोजन से बनाया गया है। इस मामलों में दोषी को 3 साल की सजा और जुर्माना लगा सकता है। जुर्माने की राशि मैक्सिमम 2 लाख रुपए तक हो सकती है।
दूरसंचार विभाग ला रहा है ये नियम
सरकार के इस पहल के बाद दूरसंचार विभाग भी एक नई प्रणाली लागू करने जा रहा है जिसके तहत अगर आपका मोबाइल चोरी हो गया या खो गया तो उसकी सारी सेवाएं बंद की जा सकेंगी भले ही उसका सिम बंद कर दिया जाए या IMEI नंबर बदल दिया जाए।
क्या होता है IMEI?
IMEI (इंटरनेशनल मोबाइल इक्वेपमेंट आईडेंटिटी) यह सभी प्रकार के मोबाइल में सिम का प्रयोग कर GSM और CDMA नेटवर्क का प्रयोग किया जाता। ये 15 अंकों का होता है जिसमें मोबाइल डिवाइस के मॉडल और सीरीयल नंबर के बारे में जानकारी होती है। जिससे कॉल की जाती है या फिर रिसीव की जाती है या सिम का प्रयोग कर इंटरनेट यूज किया जाता है।
इसलिए जरुरी है IMEI
अगर आपका फोन कहीं खो जाता है या चोरी हो जाता है तो आप IMEI नंबर से इसका पता लगा सकते हैं। मोबाइल खोने के बाद उसका लोकेशन पता किया जा सकता है। इसके अलावा उस फोन में किस कंपनी का सिम लगा है ये भी IMEI नम्बर से पता लगाया जा सकता है। फोन चोरी होने पर FIR के लिए भी IMEI नंबर की जरूरत पड़ती है। इसी आधार पर पुलिस फोन का पता लगाती है।
Created On :   25 Sep 2017 10:35 AM GMT