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HC ने मांगी एक्शन टेकन रिपोर्ट, पूछा - 'आखिर क्यों परेशान हुई पीड़िता ?'
योगेश सोनी, जबलपुर। भोपाल में 31 अक्टूबर को हबीबगंज इलाके में UPSC कोचिंग की छात्रा से हुए गैंगरेप मामले में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता ने संज्ञान लिया था। चीफ जस्टिस हेमन्त गुप्ता और जस्टिस विजय शुक्ला की युगलपीठ ने कहा है कि इस मामले में जो भी दोषी हों उन्हें बक्शा न जाए। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि मामले में हर स्तर पर लापरवाही हुई है। गुप्ता ने कहा कि FIR शून्य पर दर्ज होनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने सरकार से 2 सप्ताह में लापरवाह पुलिस और डॉक्टरों पर क्या कार्रवाई हुई इस बारे में जवाब मांगा है। युगलपीठ ने अगली सुनवाई 27 नवंबर को निर्धारित की है।
वहीं सरकार की तरफ से महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने कहा कि सरकार ने तुरंत कार्रवाई की है। इस मामले में 3 टीआई, 2 सब इंस्पेक्टर ओर दो डॉक्टर सस्पेंड किए गए हैं। कौरव ने कहा कि जो भी कार्रवाई बाकी है वो कर 2 सप्ताह में रिपोर्ट देंगे।
गौरतलब है कि इस मामले में दैनिक भास्कर में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद चीफ जस्टिस ने संज्ञान लिया था।
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गौरतलब है कि विगत 31 अक्टूबर की रात को भोपाल के एक कोचिंग सेंटर से लौट रही एक युवती के साथ 4 लोगों ने गैंगरेप किया था। इस मामले की शिकायत युवती ने एमपी नगर और हबीबगंज थाने में कराना चाही, लेकिन सीमा विवाद के चलते दोनों थानों में उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। इतना ही नही उसका मेडिकल परीक्षण भी नहीं कराया गया। इस मामले पर दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबरों पर संज्ञान लेकर चीफ जस्टिस गुप्ता ने उसकी सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिए थे।
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आज हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने इस पूरे मामले को tragedy of errors निरूपित किया। युगलपीठ ने सरकार की ओर से हाजिर महाधिवक्ता को कहा है कि इस मामले पर कार्रवाई कागजी नहीं होना चाहिए। युगलपीठ को महाधिवक्ता ने बताया कि 15 दिनों के भीतर इस मामले की चार्जशीट निचली अदालत में दायर कर दी जाएगी। इस पर युगलपीठ ने कहा कि मामले सुनवाई किसी सीनियर जज से कराने के निर्देश दिए जाएंगे।
Created On :   13 Nov 2017 5:53 AM GMT