'टीम इंडिया' का नया मूलमंत्र, यहां हर खिलाड़ी को देना पड़ता है ‘यो-यो टेस्ट’
डिजिटल डेस्क, दांबुला। भारतीय क्रिकेट टीम के सभी खिलाड़ियों का नया मूल मंत्र अब फिटनेस ही बन गया है। टीम के कुछ खिलाड़ियों को ट्रेनिंग सेशन में बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग के नियमित अभ्यास के बाद फिटनेस की गहन प्रक्रिया से गुजरना होता है। कंडीशनिंग कोच शंकर बासू ने हर खिलाड़ी के लिए यह अनिवार्य कर दिया है। नियमित अभ्यास सत्र के दौरान खिलाड़ियों का कभी भी फिटनेस टेस्ट ले लिया जाता है। इसके लिए उन्हें तैयार रहना पड़ता है।
कप्तान विराट कोहली और युवा बल्लेबाज लोकेश राहुल भी इस प्रक्रिया में शामिल हुए। शुक्रवार को अभ्यास के बाद पूर्व कप्तान एम एस धोनी ने भी फिटनेस की प्रक्रिया पूरी की। धवन का कहना है कि यह महत्वपूर्ण है टीम के हर खिलाड़ी के फिटनेस का स्तर एक हो। बल्लेबाजी, गेंदबाजी हो या फील्डिंग सभी में फिटनेस अहम है। एक खराब फील्डिंग पूरे मैच का नक्शा बदल सकती है।
कोच शंकर बासू ने कहा कि फुर्तीले बने रहने के लिए खिलाड़ियों को अपनी फिटनेस को उच्चस्तरीय करना ही होगा। ‘यो-यो टेस्ट’ में युवराज सिंह जैसे खिलाड़ी को भी विफल बता दिया गया था। इस समय बेहतरीन फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज शिखर धवन को इस दौरे पर दो बार इस टेस्ट से गुजरना पड़ा है। एक बार कोलंबो में हुए दूसरे टेस्ट से पहले और दूसरी बार दाम्बुला में दूसरे वनडे मैच से पहले। धवन के साथ रविचंद्रन अश्विन और चेतेश्वर पुजारा को भी दूसरे टेस्ट से पहले इस प्रक्रिया का पालन करना पड़ा था।
नाकामियों से नहीं लगता डर : धवन
श्रीलंका के खिलाफ 132 रनों की धमाकेदार पारी खेलने के बाद शिखर धवन ने कहा कि नाकामियां ही आपको कई चीजें सिखा देती हैं। मैं काफी भाग्यशाली हूं कि मुझे असफलताओं से काफी कुछ सीखने को मिला। मुझे नाकामियों से डर नहीं लगता है, कहा कि अगर भारतीय टीम में अपनी जगह बचानी है तो मुझे लगातार अच्छा खेल दिखाते रहना होगा। बेहतरीन खेलना ही मेरा लक्ष्य होना चाहिए, क्योंकि अगर मैं ऐसा नहीं कर सका तो हमारी टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो मेरी जगह ले सकते हैं। मैं जब टीम से बाहर था तो मैं हमेशा यही सोचता रहता था कि मैं कब वापसी करूंगा।
Created On :   21 Aug 2017 3:44 PM GMT