कसक के साथ विशाल सिक्का का इस्तीफा, देखें क्या रहे कारण

Infosys CEO Vishal Sikka has resigned as managing director and chief executive officer
कसक के साथ विशाल सिक्का का इस्तीफा, देखें क्या रहे कारण
कसक के साथ विशाल सिक्का का इस्तीफा, देखें क्या रहे कारण

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। शुक्रवार को पूरे दिन आईटी इंडस्ट्री में पूभूचाल रहा। कारण, आईटी कंपनी इंफोसिस के सीईओ और एमडी विशाल सिक्का का पद से इस्तीफा देना। उनके इस कदम का सीधा असर बाजार पर साफ दिखा। दरअसल प्रमोटरों के साथ लगातार हो रहे टकराव के कारण उन्होंने ये कदम उठाया है। कंपनी ने उनकी जगह यूबी प्रवीण राव को तत्काल यह जिम्मेदारी सौंप दी। विशाल ने बोर्ड को लिखे अपने इस्तीफे में अपनी उपलब्धियों की बात तो लिखी ही साथ ही कंपनी छोड़ने की वजहें भी बताईं। इन्वेस्टर कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए विशाल ने इन्फोसिस के पूर्व चेयरमैन एनआर नारायण मूर्ति पर जमकर निशाना साधा और साफ-साफ कहा कि तीन साल में मेरे अच्छे काम करने के बावजूद मेरे लिए हर कदम पर बाधा पैदा की जा रही थी। 

नारायण मूर्ति बने सिक्का के इस्तीफे की बड़ी वजह

विशाल सिक्का और इन्फोसिस के सह-संस्थापक और पूर्व चेयरमैन एनआर नारायण मूर्ति की आपस में बनती नहीं थी। यही कारण था कि सिक्का अपना काम ढंग से नहीं कर पा रहे थे। इन्फोसिस बोर्ड की ओर से शेयर बाजार को दी गई आधिकारिक जानकारी में कहा गया है कि मूर्ति का सिक्का पर लगातार हमला, उनका लिखा पत्र ही विशाल सिक्का के इस्तीफे का महत्वपूर्ण कारण है। गौरतलब है कि मूर्ति ने कुछ सलाहकारों को ई-मेल भेजकर ये लिखा था, कि विशाल सिक्का चीफ एग्जिक्यूटिव (सीईओ) पद के लिए एक योग्य दावेदार नहीं है वो चीफ टेक्नॉलजी ऑफिसर का काम बहुत बखूभी निभा सकते हैं। ये बात मुझसे इन्फोसिस के कम से कम तीन स्वतंत्र निदेशक कह चुके हैं। इन्फोसिस ने कहा, "मूर्ति की चिट्ठी में तथ्यात्मक अशुद्धियां और खारिज की जा चुकीं अफवाहें हैं और बोर्ड मेंबर्स के साथ उनकी बातचीत का मतलब संदर्भ से हटकर निकाला गया है।" 

रोज सुबह की कोई न कोई कहानी होती थी

इस्तीफा देने के बाद शुक्रवार को इन्वेस्टर कॉन्फ्रेंस में सिक्का ने कहा, "लगातार आरोपों को लगाए जाते थे जो बहुत दुख देते थे और रोज सुबह जब मैं उठता तो मुझे एक नई कहानी सुनने को मिलती थी। यह लगातार दुर्भावनापूर्ण और व्यक्तिगत होता जा रहा था।" उन्होंने कहा मैंने बहुत सोच-विचार के बाद एमडी और सीईओ पद से इस्तीफा दिया है। इसी के ही साथ यूबी प्रवीण राव को अंतरिम एमडी और सीईओ नियुक्त करने के साथ ही उत्तराधिकारी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और सहज बदलाव सुनिश्चित करने के लिए मैं अगले कुछ महीनों तक बोर्ड और मैनेजमेंट टीम के साथ मिलकर काम करता रहूंगा। इसके अतिरिक्त, जब तक नया मैनेजमेंट तैयार नहीं हो जाए, आगे के काम की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए मैंने बोर्ड के एग्जिक्युटिव वाइस चेयरमैन के रूप में काम करने की सहमति दे दी है। 
 
व्यक्तिगत हमलों के साथ में काम नहीं कर सकता 


तीन सालों की हमारी सफलता और जो हमारी मेहनत के अच्छे परिणामों के बाद भी लगातार कठोर, आधारहीन और बढ़ते हुए व्यक्तिगत हमले झेलते हुए मैं गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं कर सकता। 2014 में हमने चुनौतीपूर्ण स्थितियों में काम शुरू किया और पिछले तीन सालों में हमने पूरा माहौल बदलकर रख दिया। जून 2014 के आसपास का समय हमारे लिए बहुत कठिन था। हमारी विकास दरें कम थीं और कंपनी छोड़ने वालों की संख्या बढ़ती जा रही थी। एक अलग ही माहौल बन गया था। तब मैंने अपने ऊपर पूरा जिम्मा उठाया क्योंकि हमारे कोर बिजनेस पर प्राइसिंग का कठिन दबाव था और ग्राहकों की नजर उनके डिजिटल फ्यूचर्स को आकार देने के लिए पार्टनरों के इनोवेशन पर थी। अब तीन साल से कुछ वक्त ज्यादा बीत जाने के बाद मैं यह देखकर खुश हूं कि कंपनी हर उस डायमेंसन में बेहतर कर रही है जिसके बारे में हम सोच सकते हैं। कंपनी और इंडस्ट्री के लिए बड़े बदलाव के मौकों को लेकर मैं काफी उत्साहित था और रहूंगा, लेकिन हमें कंपनी को झगड़ों से दूर रखने की जरूरत है।

यह मेरे लिए एक मुश्किल सफर रहा
सच में यह एक मुश्किल सफर रहा। किसी ने नहीं और खासकर मैंने तो नहीं सोचा था कि यह आसान होगा। बदलाव की शुरुआत बहुत कठिन होती है। इतनी बड़ी-बड़ी उपलब्धियां वाले इस तरह के प्रसिद्ध संस्थान में बड़े बदलाव लाना तो और भी कठिन हैं। लेकिन काफी सोच-विचार के बाद मैंने पद छोड़ने का विचार किया क्योंकि हमारे आस-पास के शोर-शराबे ने माहौल में जहर घोल दिया था।

हमने मिलकर बहुत कुछ हासिल किया। यहां तक कि बाधाओं के बीच भी हमने धैर्य के साथ शानदार प्रगति की। हमने इन्फोसिस के लिए अगले 30 सालों की नींव रखी और वो बीज बोने के दौरान आपके साथ काम करने का मुझे गर्व का अहसास होता है जो भविष्य में कंपनी के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होंगे।

सिक्का का जाने से बाजार का बुरा हाल
विशाल सिक्का के इस्तीफे का शुक्रवार को शेयर बाजारों गहरा असर देखने को मिला। बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 270.78 अंकों की गिरावट के साथ 31,524.68 के स्तर पर बंद हुआ, वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 66.75 अंकों की गिरावट के साथ 9,837.40 के स्तर पर बंद हुआ। शुक्रवार के कारोबार में इंफोसिस के शेयरों में लगभग 10 फीसदी तक की तगड़ी गिरावट दर्ज की गई, जिसके साथ ही कंपनी के बाजार पूंजीकरण में 22,519 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

Created On :   19 Aug 2017 4:13 AM GMT

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