IMF ने घटाई भारत की अनुमानित विकास दर, दो साल बाद चीन को देगा टक्कर

InternationalMonetaryFund reduces Indias estimated growth rate
IMF ने घटाई भारत की अनुमानित विकास दर, दो साल बाद चीन को देगा टक्कर
IMF ने घटाई भारत की अनुमानित विकास दर, दो साल बाद चीन को देगा टक्कर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वित्त वर्ष 2018 के लिए भारत की अनुमानित विकास दर कम कर दी है। IMF ने अपनी रिपोर्ट में इसकी वजह नोटबंदी और जीएसटी को बताया है। हालांकि IMF ने अनुमान जताया है कि इन आर्थिक सुधारों की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था एक बार फिर रफ्तार पकड़ेगी। जिसके बाद भारत सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था का तमगा चीन से वापस लेने में कामयाब रहेगा। IMF के वर्ल्ड इकॉनमिक आउटलुक के हालिया अंक में भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार का अनुमान वित्त वर्ष 2018 में 6.7 प्रतिशत रखा गया है, यह पहले 7.2 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 2019 में भी भारत की जीडीपी का अनुमान 7.7 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत रखा गया है। 

नोटबंदी-जीएसटी से सुस्त हुई विकास दर
IMF वर्ल्ड इकॉनमिक आउटलुक में कहा गया है कि भारत में विकास दर में सुस्ती आई है, जिसका कारण सरकार द्वारा नोटबंदी और साल के बीच में लागू कर सुधार जीएसटी है। इसकी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था अनिश्चितता की शिकार हो गई, जिसका सभी पक्षों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। IMF की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत की विकास दर में सुस्ती के बीच वैश्विक विकास बढ़ेगा और चीन तेजी से बढ़ते हुए भारत को पछाड़ते हुए 6.8 प्रतिशत की विकास दर पकड़ लेगा।

2019 में चीन से आगे निकल जाएगा भारत
भारत चीन से सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का तमगा वित्त वर्ष 2019 में फिर हासिल कर लेगा। वित्त वर्ष 2019 में चीन की अनुमानित विकास दर 6.5 प्रतिशत होगी। विश्व अर्थव्यवस्था की बात करें तो सन 2017 में यह 3.6 प्रतिशत और 2018 में 3.7 प्रतिशत होगी। यह अनुमान IMF के पिछले अनुमान से 0.1 प्रतिशत ज्यादा है। भारत की जीडीपी ग्रोथ जून तिमाही में तीन साल के निचले स्तर पर गिर 5.7 प्रतिशत पर पहुंच गई, जिससे वित्त वर्ष के अनुमानों में भी गिरावट आई है। इससे पहले विश्व बैंक भी भारत की अनुमानित विकास दर को 7.2 प्रतिशत से कम कर सात प्रतिशत कर चुका है। भारतीय रिजर्व बैंक भी देश की विकास दर के अनुमानों को 7.3 प्रतिशत से कमकर 6.7 प्रतिशत कर चुका है। IMF ने कन्ज्यूमर प्राइस इंडेक्स को वित्त वर्ष 2018 में 3.8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2019 में 4.9 प्रतिशत रखा है। 

सुधारों से आएगी अर्थव्यवस्था में रफ्तार
IMF ने कहा कि जरूरी आर्थिक सुधारों से आर्थिक विकास में तेजी आएगी। IMF ने कहा है, भारत के "घरेलू मार्केट का एकीकरण" करने वाले जीएसटी जैसे सुधारों से विकास दर में बाद में तेजी आएगी और यह आठ प्रतिशत को पार कर जाएगी। IMF ने अन्य लंबित सुधारों की ओर इशारा करते हुए कहा कि बिजनस के लिए माकूल माहौल बनाने के लिए श्रम सुधार और भूमि सुधार कानूनों को भी लागू करना होगा। इन सुधारों को चरणबद्ध तरीके से लागू करने के नतीजे जल्दी ही सामने आएंगे। 

Created On :   10 Oct 2017 4:47 PM GMT

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