100 करोड़ की संपत्ति त्यागकर पति बना सन्यासी, बेटी के कारण मां नहीं ले पाई दीक्षा

Jain couple will enter monkhood today leaving Rs 100 crore property
100 करोड़ की संपत्ति त्यागकर पति बना सन्यासी, बेटी के कारण मां नहीं ले पाई दीक्षा
100 करोड़ की संपत्ति त्यागकर पति बना सन्यासी, बेटी के कारण मां नहीं ले पाई दीक्षा

डिजिटल डेस्क, नीमच। शनिवार को मध्यप्रदेश के नीमच के एक प्रतिष्ठित कारोबारी ने अपनी 100 करोड़ रुपए की संपत्ति त्याग कर दीक्षा ले ली। दीक्षा लेने वाले कारोबारी सुमित राठौर के साथ में उनकी पत्नी अनामिका ने भी दीक्षा लेने का फैसला किया था। इस जैन दंपत्ति ने अपनी तीन साल की मासूम बेटी को त्याग सन्यासी बनकर जीवन जीने का निर्णय लिया था। लेकिन दीक्षा दिए जाने से पूर्व विरोध के चलते मां अनामिका के दीक्षा कार्यक्रम को टाल दिया गया। 

शिक्षा
सुमित ने लंदन से अपनी पढ़ाई की है। उनकी पत्नी अनामिका ने गोल्डमेडल के साथ इंजिनियरिंग की पढ़ाई पूरी की हुई है। जिसके कारण सब कोई उनके इस फैसले को सुनकर हैरान है। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, महिला बाल विकास विभाग, जिला कलेक्टर और चाइल्ड केयर में इस बात के लिए शिकायत दायर की थी। मासूम बच्ची को छोड़कर दीक्षा ग्रहण करने पर कारण देश भर में इस बात का विरोध हो रहा था।

वहीं आज सुमित अपनी पत्नी के साथ दीक्षा लेने के लिए राजस्थान के चित्तौडगढ़ में पहुंचे थे। जहां अनामिका की दीक्षा विरोध के कारण टाल दी गई। सुबह 7.15 बजे से सुमित की जैन भगवती दीक्षा शुरू हुई और करीब 8.30 बजे पूर्ण हुई। 

बता दें कि, नीमच के प्रतिष्ठित कारोबारी के पोते सुमित और उनकी पत्नी अनामिका ने अपनी सारी संपत्ति और परिवार को त्याग संत और साध्वी का जीवन जीने का फैसला लिया था। 3 साल की बेटी इभ्या के त्याग के कारण उनकी दीक्षा को लेकर देशभर में चर्चा हो रही थी। कई लोग इस दंपत्ति के दीक्षा लेने के फैसले का विरोध भी कर रहे थे। धार्मिक रीति-रिवाज के साथ 23 सितंबर को श्री साधुमार्गी जैन आचार्य रामलालजी के सान्निध्य में सुमित ने दीक्षा ली।

 

Created On :   23 Sep 2017 4:35 PM GMT

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