बाल शोषण के खिलाफ देशव्यापी अभियान आज से, देखें Video

Kailash Satyarthis India March campaign a battle against child crime
बाल शोषण के खिलाफ देशव्यापी अभियान आज से, देखें Video
बाल शोषण के खिलाफ देशव्यापी अभियान आज से, देखें Video

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशल स्कूल में 7 साल के प्रद्युम्न के साथ सेक्सुअल एब्यूज और नृशंस हत्या ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर सोचने पर मजबूर कर दिया है। देशभर में ये बहस सरगर्म है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर क्या कदम उठाए जाने चाहिए। इसी बीच बच्चों के लिए काम करने वाले नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी सामने आए हैं। सत्यार्थी आज से बच्चों पर होने वाले यौन शोषण को रोकने के लिए देशव्यापी अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हो रहे इस कैंपेन को इंडिया मार्च नाम दिया गया है। सत्यार्थी पहले भी बाल श्रम और बाल शोषण के खिलाफ प्रभावी अभियान चला चुके हैं।

बच्चों के प्रति लोगों में अवयरनेस के लिए सत्यार्थी आज से (11 सितंबर) भारत यात्रा शुरू करेंगे, जिसे "इंडिया मार्च" कैंपेन नाम दिया गया है। कैंपेन का नाम इंडिया मार्च इसलिए दिया गया है क्योंकि ये देश के सबसे दक्षिण भाग "कन्याकुमारी" से शुरू होगा, जो 29 राज्यों से गुजरते हुए 16 अक्टूबर तक देश की राजधानी नई दिल्ली पहुंचेगा। कैंपेन 7 यूनियन टेरिटरी तक भी पहुंचेगा। सत्यार्थी ने उम्मीद जताई है कि इस कैंपेन से 10 लाख लोग जुड़ेंगे।

बाल यौन उत्पीड़न और तस्करी के खिलाफ एक युद्ध

सत्यार्थी ने एक इंटरव्यू में कहा कि "ये बलात्कार, बाल यौन उत्पीड़न और तस्करी के खिलाफ युद्ध है क्योंकि ये सामान्य अपराध नहीं हैं और किसी भी सामान्य दृष्टिकोण से हल नहीं किया जा सकता है।"

सत्यार्थी ने कहा, "हम पूरे देश को जागृत करना चाहते हैं, हम बाल यौन शोषण और तस्करी के खिलाफ जागरुकता बढ़ाना चाहते हैं क्योंकि ये एक छुपा हुआ अपराध है जो अक्सर उजागर नहीं हो पाता हैं।"

सत्यार्थी का मानना है कि बच्चे यौन हिंसा के शिकार न बनें इसके लिए समाज की मानसिकता बदलनी भी जरूरी है, साथ ही स्कूलों में बच्चों को सेक्स एजुकेशन दी जानी चाहिए।
सत्यार्थी ने आगे कहा कि "आंकड़े बताते हैं कि "हर घंटे में एक बच्चा यौन शोषण का शिकार होता है। वहीं एक बच्चा हर आठवें मिनट में गायब हो जाता है।" बच्चों को जानवरों की तरह खरीदा और बेचा जाता है, तो कभी-कभी उनकी किमत जानवरों से भी कम हो जाती है।

बीते साल 9 हजार से अधिक बच्चों की तस्करी 

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मुताबिक, 2016 में भारत में नौ हजार से अधिक बच्चों की तस्करी की गई, जो साल 2015 की तुलना में लगभग 25 प्रतिशत ज्यादा थी। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक 2015 में लगभग 14,000 बच्चे बलात्कार और यौन उत्पीड़न के शिकार हुए।

विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार किसी देश की संख्या को कम करके बताती है, तो माना जा सकता है कि अपराध का आंकड़ा और भी बड़ा हैं। ट्रैफिकर्स, ज्यादातर दूरदराज के गांवों से, नौकरों के झूठे वादे के साथ बच्चों को लालच देकर लाते हैं और उन्हें रेड-लाइट एरियाज, कारखानों या गिरोहों को भीख मंगवाने वाले गिरोहों को बेच देते हैं।

यूनिसेफ के मुताबिक, भारत में बाल मजदूरी के खिलाफ अभियान चलाने और लोगों को जागरूक करने के लिए 63 साल के सत्यार्थी सबसे आगे हैं। इनके साथ 10 लाख से अधिक बच्चे इनका साथ दे रहे हैं। सत्यार्थी का ये कैपेंन यकीनन देश में बच्चों क प्रति बढ़ रहे अपराध को कम करने में मद करेगा।

गूगल ने होम पेज पर दी कैंपेन को जगह

गूगल ने अपने होम पैज में कैलाश सत्यार्थी के इस कैंपेन को जगह दी है। होम पेज पर इंडिया मार्च की एक लिंक दी गई है, जिस पर क्लिक करते ही यू-ट्यूब पर जाया जा सकता है, जहां कैंपेन से रिलेटेड सॉन्ग है।

Created On :   11 Sep 2017 3:27 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story