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जानिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का नागपुर कनेक्शन
डिजिटल डेस्क,नागपुर। भारत के 14 वें राष्ट्रपति बने रामनाथ कोविंद का नागपुर से अलग ही रिश्ता रहा है। नागपुर में रामनाथ कोविंद ने आरक्षण बचाओ अभियान की शुरूआत की थी। कोविंद आरक्षण बचाओ अभियान के संयोजक थे।
दरअसल यूपीए सरकार को दोबारा सत्ता में आने से रोकने के लिए भाजपा ने विविध मुद्दों के साथ आरक्षण का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया था। नागपुर में आरक्षण बचाओ मंच का गठन कर देशभर में तत्कालीन यूपीए सरकार के विरोध में माहौल बनाने की कोशिश की गई। इस अभियान के संयोजक रामनाथ कोविंद ही थे। अभियान के सिलसिले में कोविंद विदर्भ में कई शहरों में गए थे।
भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक मेंढे नागपुर के ही हैं। उन्होंने आरक्षण बचाओ अभियान की संकल्पना रखी थी। 2008 में यूपीए सरकार सत्ता में वापसी के प्रयास में जुटी थी। 2009 में लोकसभा चुनाव होने वाले थे। सरकार रंगनाथ मिश्र कमेटी की सिफारिशों को लागू करना चाहती थी। कमेटी की सिफारिश में यह था कि सभी धर्मांतरित लोगों को आरक्षण का लाभ दिया जाए। भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा ने उसका विरोध किया था। मोर्चा का कहना था कि सामाजिक भेदभाव के कारण धर्मांतरण करने वालों को ही अनुसूचित जाति आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।
भाजपा अनुसूचित मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष दुष्यंत कुमार गौतम ने बताया कि कोविंद अक्सर नागपुर आते रहे हैं। 2016 में बिहार के राज्यपाल के नाते वे दीक्षाभूमि के धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे। उसके पहले राज्यसभा सदस्य रहते हुए भी वे नागपुर में संघ के विजयादशमी कार्यक्रम में शामिल हुए थे। सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत को संघ मुख्यालय में स्वर्णपत्र देने के बाद वे नितीन गडकरी के आवास पर पहुंचे थे।
भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष पारधी बताते है कि कोविंद ने विदर्भ में दलित समाज के कई कार्यकर्ताओं से व्यक्तिगत पहचान बढ़ाई। भाजपा के गांव चलो अभियान के सिलसिले में ग्रामीण क्षेत्रों में घूमे। 2014 के विधानसभा चुनाव के पहले कोविंद ने उमरेड, गोंदिया, चंद्रपुर,अकोला का दौरा किया था।
Created On :   21 July 2017 7:29 AM GMT