मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे के बिगड़े बोल, जानिए किसे लगाई फटकार ?

Know why the cabinet minister Om Prakash Dhruve got angry in camp?
मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे के बिगड़े बोल, जानिए किसे लगाई फटकार ?
मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे के बिगड़े बोल, जानिए किसे लगाई फटकार ?

डिजिटल डेस्क,सतना। चित्रकूट में होने जा रहे विधानसभा के उपचुनाव के मद्देनजर बीजेपी पूरी जोर आजमाईश करने में लगी है, लेकिन जन समस्या शिविर के दौरान मंच पर ही प्रभारी मंत्री और तहसीदार के बीच हॉट-टॉक हो गई। दरअसल एक हितग्राही ने प्रभारी मंत्री धुर्वे से पटवारी की शिकायत की थी। इसी बात को लेकर मंत्री और तहसीलदार में कहासुनी हो गई। गौरतलब है कि 2016 में भी अनूपपुर में एक कार्यक्रम के दौरान मंत्री धुर्वे ने मंच से तहसीलदार को अपशब्द कहे थे। जिसके बाद तहसीलदारों ने सीएम से इसकी शिकाय

दरअसल 3 दिनों के प्रवास पर आए प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा जिले के प्रभारी मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे बुधवार को चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र की जवारिन में आयोजित जन समस्या निवारण शिविर में हितग्राहियों को हित लाभ बांटने पहुंचे थे। इसी बीच मंच पर पहुंचे एक हितग्राही ने अर्से से सीमांकन मामला लटका होने पर पटवारी की शिकायत की। प्रभारी मंत्री धुर्वे को गुस्सा आ गया। उन्होंने सख्त अंदाज में पूछा पटवारी कहां है? पटवारी नहीं मिला तो नायब तहसीलदार तलब किए गए। 

तहसीलदार जीतेन्द्र वर्मा मंच पर पहुंचे तो प्रभारी मंत्री ने अपशब्दों को इस्तेमाल करते हुए कहा कि तनख्वाह 40-40 हजार लेते हो और काम धेले का नहीं करते। इसके बाद माहौल गर्मा गया। उन्होंने प्रभारी मंत्री को लक्ष्य कर दो टूक चेतावनी दी कि वो गलत भाषा का इस्तेमाल न करें। अगर काम पसंद नहीं तो रिजाइन ले लें, लेकिन बात ठीक से करें। तहसीलदार के तल्ख तेवर देख प्रभारी मंत्री ओमप्रकाश सन्न थे। उन्होंने कहा कि वो पीसीएस ऑफिसर हैं और पब्लिक के बीच उनका भी वजूद है। आर्मी से रिटायर तहसीलदार ने माननीय को ये भी बताया कि उन्होंने कारगिल की जंग लड़ी है। श्रीलंका,सोमालिया और मालदीव भी गए हैं। उन्हें 6 सैन्य मैडल और सिहंस्थ में उत्कृष्ट सेवा का सीएम अवार्ड यू ही नहीं मिला है।

उधर, जवारिन में प्रभारी मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे और मझगवां तहसीलदार जीतेन्द्र वर्मा के बीच सरेआम हॉट-टॉक की घटना पर आधिकारिक सूत्र जहां कुछ भी कहने से बचते रहे। वहीं जिला भाजपा के सूत्रों ने कहा कि गर्मागर्मी प्रभारी मंत्री और तहसीलदार के बीच नहीं बल्कि तहसीलदार और एक हितग्राही के बीच हुई। तहसीलदार जीतेन्द्र वर्मा ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि वो इस मुद्दे को किसी शिकायती फोरम पर जाने का इरादा नहीं रखते हैं। 

 

Created On :   21 Sep 2017 4:24 AM GMT

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