इतिहास की किताब से 'मुगल' हुए गायब, 'शिवाजी' को जगह

maharashtra education board erased the mughal history in textbook
इतिहास की किताब से 'मुगल' हुए गायब, 'शिवाजी' को जगह
इतिहास की किताब से 'मुगल' हुए गायब, 'शिवाजी' को जगह

डिजिटल डेस्क, महाराष्ट्र। अगर हमारे देश में सबसे ज्यादा खिलवाड़ किसी के साथ हुआ है तो वो हमारा इतिहास है। लेकिन एक बात का गवाह हमारा इतिहास भी है कि जब-जब इस देश में नई सरकार आई है, इतिहास उसके हिसाब से बनाया गया है। चाहे वो कांग्रेस की सरकार हो या फिर बीजेपी की। अब ऐसा ही एक और खिलवाड़ महाराष्ट्र की क्लास-7 की हिस्ट्री बुक के साथ भी हुआ है। इस किताब में पहले जहां "मुगलों" का राज था, अब उसकी जगह "छत्रपति शिवाजी" ने ले ली है। महाराष्ट्र शिक्षा बोर्ड ने सातवीं क्लास की हिस्ट्री बुक में बड़ा बदलाव किया है। पहले इस किताब में मुगलों की कहानियां चलती थी लेकिन अब उनको समेट दिया गया है। इसकी जगह अब यहां के स्टूडेंट छत्रपति शिवाजी और मराठों की शौर्यगाथा पढ़ेंगे। सरकार के इस कदम पर विपक्ष ने विरोध जताया है। 

क्या है नई किताब में?

सातवीं क्लास की इस हिस्ट्रीबुक में अब मुगलों को सिर्फ 3 पैराग्राफ में समेट दिया गया है और जबकि छत्रपति शिवाजी और मराठाओं के ऊपर 11 चैप्टर लिखे गए हैं। इस किताब के अभी के और 2008 के एडिशन में साफ अंतर देखा जा सकता है। इसके अलावा किताब के कवर पेज में भी बदलाव किया गया है। नई किताब में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भगवा ध्वज ही दिखाया गया है। पिढले एडिशन में जहां मुगल शासक अकबर को महान और उदार बताया गया था। अब नई किताब में सिर्फ 3 लाइन ही है जो अकबर के पूरे शासनकाल को बता रही हैं। नए एडिशन में न ही इस्लाम के उदय और अरब आक्रमण के बारे में बताया गया है। इसके साथ ही नए एडिशन में क्षेत्रीय राजाओं को भी शामिल नहीं किया गया है। नई किताब में राजपूतों, चोल वंश, यादवों और विजयनगर के इतिहास के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। इस किताब में ताजमहल, लाल किले और कुतुब मिनार के साथ-साथ रजिया सुल्तान, मोहम्मद बिन तुगलक और शेरशाह सूरी तक का जिक्र नहीं किया गया है। 

विपक्ष का क्या है कहना? 

नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रवक्ता नवाब मलिक का कहना है कि बीजेपी क्षेत्रीय उन्माद फैलाकर हमारे इतिहास को बदलना चाहती है। लेकिन किताबों में नहीं पढ़ाने से इतिहास नहीं बदल जाता। उन्होंने कहा कि संघ परिवार और बीजेपी हर चीज का सांप्रदायीकरण कर अपने एजेंडे को फैलाना चाहती है। 

महाराष्ट्र शिक्षा बोर्ड ने क्या कहा? 

महाराष्ट्र स्टेट टेक्सटबुक प्रोडक्शन ब्यूरो के चेयरमैन सदानंद मोरे ने कहा कि हमने नई किताब में महाराष्ट्र को केंद्र में रखा है क्योंकि हम महाराष्ट्र है। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि सेंट्रल बोर्ड की किताबों में महाराष्ट्र के बारे में हमेशा से कम जानकारी दी गई है। 

Created On :   10 Aug 2017 3:41 AM GMT

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