माल्या के लिए महाराष्ट्र सरकार गेस्टहाउस को बनाएगी जेल
डिजिटल डेस्क, मुंबई. जेलों की खराब हालत का हवाला देकर प्रत्यर्पण से बच रहे भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ राज्य सरकार ने नई जुगत लगाई है। सरकार ने सरकारी गेस्ट हाउस को माल्या के लिए जेल बनाने का प्रस्ताव दिया है। अगर केंद्र सरकार इस से सहमत हुई, तो अगली सुनवाई के दौरान लंदन में कोर्ट के सामने यह प्रस्ताव रखा जा सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक केंद्र और राज्य सरकार को अधिकार होता है कि वे देश में किसी भी स्थान को जेल घोषित कर सकते हैं। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को इसी शक्ति का इस्तेमाल करने के विकल्प पर विचार करने को कहा है।
चावला के प्रत्यर्पण से कोर्ट ने किया था इनका
इसके पहले सुनवाई के दौरान विजय माल्या ने भारत में खराब जेलों की बेहद खराब स्थिति का हवाला दिया था। इस दलील के जरिए माल्या फैसला अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटे हैं। आपको बता दें यूके की वेस्टमिन्स्टर कोर्ट ने एक मामले में बुकी संजीव चावला के प्रत्यर्पण से इनकार कर दिया था। जिसके बाद माल्या को अपना पक्ष मजबूत होता दिखाई दे रहा है। गौरतलब है कि 2000 से संजीव चावला का नाम मैच फिक्सिंग मामलों से जुड़ा है। उन्होंने कोर्ट में कहा था कि भारत में तिहाड़ जेल की हालत बहुत खराब है। लिहाजा उन्हें भेजना मानवाधिकारों के खिलाफ होगा।
गेस्ट हाउस को बना सकते हैं जेल
वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक प्रत्यर्पण में आ रही बाधा को दूर करने के लिए गेस्ट हाउस को जेल घोषित कर माल्या को उसमें रखा जा सकता है। फिलहाल गृहमंत्रालय के नौकरशाह और वकील इस मामले से निपटने के लिए रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। माल्या को कहां रखा जाए इस पर विचार विमर्श किया जा रहा है। इससे पहले माल्या को रखने के लिए आर्थररोड जेल के बैरेक नंबर 12 में रखे जाने का प्रस्ताव था। जहां 26/11 आतंकी हमले के दोषी अजमल कसाब को रखा गया था। इस जेल में एयर कंडीशन (AC) छोड़कर वो सारी सुविधाएं हैं, जो यूरोपीय जेलों में होतीं हैं। माल्या के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई चार दिसंबर जबकि केस के प्रबंधन की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होनी है।
Created On :   14 Nov 2017 3:36 PM GMT