मिलिए इस रील लाइफ 'दंगल गर्ल' से, फुटबॉल खेलने के लिए कटवा लिए थे बाल

Meet this reel life dangal girl cut her hair for playing football
मिलिए इस रील लाइफ 'दंगल गर्ल' से, फुटबॉल खेलने के लिए कटवा लिए थे बाल
मिलिए इस रील लाइफ 'दंगल गर्ल' से, फुटबॉल खेलने के लिए कटवा लिए थे बाल

डिजटल डेस्क, श्रीनगर। धरती का स्वर्ग कहे जाने वाला कश्मीर आज बुरी तरह से आतंकवाद से घिरा हुआ है। कभी ऐसा समय भी था जब कश्मीर घूमना हर किसी का सपना होता था लेकिन पत्थरबाजी और आतंकवाद के कारण आज वहां जाने से लोगों को डर सा लगने लगा है। लेकिन इन सबके बावजूद वहां रहने वाली एक 20 साल की लड़की अपने जज्बे के कारण पूरे देश के लिए मिसाल बन गई हैं। दरअसल, 20 साल की नादिया कश्मीर की पहली महिला फुटबॉल कोच हैं जो लड़कियों के साथ लड़कों को भी फुटबॉल की ट्रेनिंग देती हैं। आइए जानते हैं कश्मीर की पहली महिला फुटबॉल कोच नादिया के बारे में...

11 साल की उम्र से खेल रही हैं फुटबॉल

नादिया को फुटबॉल खेलने का शौक बचपन से ही था। नादिया मात्र 11 साल की उम्र से ही फुटबॉल खेलती आ रही हैं। नादिया को 2010 और 2011 में जम्मू कश्मीर की तरफ से नेशनल लेवल पर फुटबॉल खेलने का मौका मिला। इसके बाद से नादिया ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज वो कश्मीर के पहली महिला फुटबॉल कोच हैं। नादिया की श्रीनगर में तीन एकेडमी है जहां वो लड़के और लड़कियों को फुटबॉल की कोचिंग देती हैं। 

करना पड़ा विरोध का सामना 

शुरुआत में नादिया ने जब फुटबॉल खेलना शुरू किया तो घरवालों के साथ-साथ बाहर के लोगों ने भी उनका विरोध किया। नादिया की मां को उनका फुटबॉल खेलना पसंद नहीं आया और उन्होंने नादिया को इसके लिए कई बार मना किया। इसके साथ ही नादिया जब बाहर के लड़कों के साथ फुटबॉल खेलती थी तो एक बार लड़कों ने उनके साथ खेलने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि वो लड़की थी। इससे नाराज होकर नादिया ने अपने बाल कटवा लिए और फिर उन्होंने लड़कों के साथ फुटबॉल खेलना शुरू किया। लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी नादिया ने हार नहीं मानी। नादिया को फुटबॉल खेलना का शौक कितना था इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नादिया कर्फ्यू के दौरान भी फुटबॉल की प्रैक्टिस करने जाती थी। 

श्रीनगर मे देती है ट्रैनिंग

नादिया श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में लड़के-लड़कियों को फुटबॉल की कोचिंग देती है। नादिया की कोचिंग में आने वाले 2 लड़कों का सिलेक्शन नेशनल लेवल के लिए अंडर-12 टीम भी हुआ है। नादिया का कहना है कि वो चाहती हैं कि लड़कियों को भी वही हक और सम्मान मिले जो लड़कों को मिलता है। 

Created On :   10 Aug 2017 5:20 AM GMT

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