केंद्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार का तोहफा, डीए एक फीसदी बढ़ा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने त्यौहारों से पहले केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ता को बढ़ा दिया है, जिससे 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों को फायदा होगा। मंगलवार को मोदी कैबिनेट की बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता (डीए) एक फीसदी बढ़ाकर पांच फीसदी करने का फैसला लिया है। इस कदम से केंद्र सरकार के 49.26 लाख कर्मचारियों और 61.17 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। एक बयान में बताया गया कि मूल्यवृद्धि से राहत के लिए मूल वेतन-पेंशन पर मंहगाई भत्ते की एक फीसदी बढ़ी किस्त जारी की जाएगी। सरकार ने प्राइवेट और सरकारी दोनों के लिए ग्रेच्युटी लिमिट दस लाख से बढ़ा कर 20 लाख कर दी है। कैबिनेट ने पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी (संशोधन) बिल, 2017 को भी संसद में पेश करने की मंजूरी दे दी।
जुलाई से लागू होंगी नई दरें
महंगाई भत्ते की नई दरें एक जुलाई से लागू होंगी। चालू वित्त वर्ष की 8 माह की अवधि (जुलाई, 2017 से फरवरी, 2018) के दौरान महंगाई भत्ता से 3,068.26 करोड़ रुपए और महंगाई राहत (डीआर) से सरकार से 2,045.50 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी बिल-2017 को मिली मंजूरी
कैबिनेट ने पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी (संशोधन) बिल, 2017 को भी संसद में पेश करने की मंजूरी दे दी। इसके तहत सरकार ग्रैच्युटी पर टैक्स छूट सीमा को दोगुना करना चाहती है। अब तक दस लाख रुपये से अधिक राशि की ग्रैच्युटी पर टैक्स लगता रहा है, लेकिन अब ग्रैच्युटी पर छूट की सीमा 20 लाख रुपये तक की जा सकती है। अवकाश के बाद नियोक्ता की ओर से कर्मचारी को ग्रैच्युटी की रकम दी जाती है। इसके अलावा कंपनियां पांच साल या उससे अधिक समय तक नौकरी करने पर भी अपने कर्मचारियों को यह लाभ देती हैं।
पहले क्या था नियम?
मौजूदा पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी ऐक्ट, 1972 के तहत सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली ग्रैच्युटी की राशि पर कर में छूट मिलती है। यानी सरकारी कर्मचारियों को ग्रैच्युटी पर कोई कर नहीं देना होता। दूसरी तरफ गैर-सरकारी कर्मचारियों को अवकाश पर मिलने वाली ग्रैच्युटी की दस लाख रुपये तक की राशि पर कोई कर नहीं लगता है, लेकिन इसके बाद कर चुकाना होता है।
10 से ज्यादा कर्मचारी वाली संस्था गैच्युटी एक्ट के दायरे में
ग्रैच्युटी एक्ट के दायरे में वे सभी संस्थाएं आती हैं, जिनमें दस या इससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं। खास बात यह है कि यदि कोई संस्थान एक बार इसके दायरे में आ गया, तो फिर कर्मचारियों की संख्या कम होने के बाद भी उस पर यह नियम लागू रहता है। यदि कोई संस्थान इसके अंतर्गत नहीं है, तो वह अपने कर्मचारी को एक्सग्रेशिया भुगतान कर सकता है।
Created On :   12 Sep 2017 2:25 PM GMT