भोपाल में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक, तीन तलाक और राम मंदिर मुद्दों पर चर्चा

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भोपाल में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक, तीन तलाक और राम मंदिर मुद्दों पर चर्चा
भोपाल में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक, तीन तलाक और राम मंदिर मुद्दों पर चर्चा

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। भोपाल में रविवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में तीन तलाक और बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर कुछ बड़े फैसले लिए जाएंगे। आपकों बता दें कि तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के फैसले के बाद पर्सनल लॉ बोर्ड की यह पहली मीटिंग है। बोर्ड की शुरू से यह राय रही है कि तीन तलाक का मसला शरीयत से जुड़ा है और सरकार या अदालत को शरीयत में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है।

मस्जिद नहीं मंदिर बने अयोध्या में

साथ ही कुछ फैसले बाबरी मस्जिद को लेकर भी किए जाएंगे। हाल के दिनों में बाबरी को लेकर कुछ नए मोड़ आए हैं। पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉक्टर कल्बे सादिक ने पिछले दिनों मुंबई के एक जलसे में कहा था कि अगर मस्जिद की पैरवी करने वाले सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या की विवादित जमीन का मुकदमा जीत भी जाएं तो भी उन्हें उस जगह को मंदिर बनाने के लिए दे देना चाहिए क्योंकि आप एक प्लॉट हारेंगे लेकिन इस तरह करोड़ों दिल जीतेंगे इतना ही नहीं शिया वक्फ बोर्ड के एक पक्षकार पिछले दिनों से लगातार मांग कर रहा है कि मुसलमान विवादित जमीन से अपना दावा वापस ले लें और उस जगह को मंदिर बनाने के लिए दे दें। बोर्ड का कहना है कि मस्जिद अयोध्या फैजाबाद में किसी दूसरी जगह पर बना ली जाए जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा हो और लोग उसका इस्तेमाल करें। बोर्ड की राय यह भी है कि उस मस्जिद का नाम बाबरी मस्जिद न रखा जाए बल्कि मस्जिदे अमन रखा जाए।

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तनाव की जगह इबादत मुनासिब नहीं

हालांकि अभी भी मस्जिद के पैरोकार कहते हैं कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है और अदालत को ही यह तय करना चाहिए कि वहां पर क्या बनेगा? पर्सनल लॉ बोर्ड की एग्जीक्यूटिव कमेटी में 51 लोग हैं। इसमें शिया सुन्नी और मुसलमानों के दूसरे और मुसलमानों के दूसरे फिरकों का प्रतिनिधित्व है। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने दुनिया में शिया मुसलमानों के सबसे बड़े धर्म गुरुओं में से एक आयतुल्‍ला सीस्‍तानी से इराक से फतवा मंगाया है जिसमें कहा गया है कि अगर वहां पर सांप्रदायिक तनाव का अंदेशा है तो ऐसी जगह पर इबादत मुनासिब नहीं है। यही नहीं शिया वक्‍फ बोर्ड ने भी इरान और इराक से कुछ मुस्लिम धर्म गुरुओं से फतवे मंगाए हैं जिसमें इसी तरह की बात कही गई है। चूंकि बड़े पैमाने पर मुसलमानों का दूसरा पक्ष भी सामने आने लगा है, इसलिए यह बैठक और महत्‍वपूर्ण हो जाती है।

 

 

Created On :   10 Sep 2017 5:45 AM GMT

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