VIDEO: शिवलिंग बनाने से किया मना, तो छात्राओं को कमरे में किया बंद

Muslim students locked in a school for refusing to make Shivlings at Bhopal
VIDEO: शिवलिंग बनाने से किया मना, तो छात्राओं को कमरे में किया बंद
VIDEO: शिवलिंग बनाने से किया मना, तो छात्राओं को कमरे में किया बंद

डिजिटल डेस्क, भोपाल। कमला नेहरू स्कूल में एक सांप्रदायिक मामला सामने आया है। यहां एक स्कूल में पढ़ने वाली मुस्लिम छात्राओं को कमरे में बंद कर दिया गया है। कथित तौर पर अल्पसंख्यक समूह की छात्राओं से जुड़ा एक साम्प्रदायिक मामला सामने आया है। इस घटना में एक चैंकाने वाली बात सामने आई है, जिसमें संबंधित स्कूल की प्राचार्य ने अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़ी छात्राओं को शिवलिंग बनाने के लिए कथित रूप से कुछ प्रलोभन भी दिए थे। एक वर्कशाॅप के तहत प्रतिस्पर्धा कर को लेकर मना करने के बाद संबंधित छात्राओं को कमरे में बंद करने की सजा देने का मामला सामने आया है। एक न्यूज वेबसाइट के मुताबिक यह घटना मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की बताई जा रही है।

दरअसल, "The Quint" की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भोपाल के टीटी नगर स्थित सरकारी कमला नेहरू गर्ल्स हायर सेकंडरी स्कूल में एक वर्कशॉप के तहत 2,100 शिवलिंग बनाने की प्रतियोगिता का आयोजन 29 जुलाई को किया गया था। इस दौरान सभी छात्राओं से मिट्टी के शिवलिंग बनाने को कहा गया था, लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़ी 100 छात्राओं ने इस आयोजन में भाग लेने से मना कर दिया। छात्राओं की इस बात पर स्कूल की प्रिंसिपल निशा कामरानानी  ने उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया था। हालांकि बाद में उन्हें घर जाने को भी कह दिया गया था। प्रिंसिपल निशा कामरानानी ने छात्राओं को परीक्षा में अच्छे नंबर हासिल करने के लिए शिवलिंग बनाने का दवाब बनाया था। साथ ही निशा ने बच्चों से कहा"अगर वह जीवन में सफल होना चाहते हैं तो पूरी लगन से शिवलिंग बनाएं।"

इस आयोजन के लिए स्कूल में एक पुजारी को भी बुलाया गया। पुजारी ने माइक पर संस्कृत मंत्र का जाप भी किया। शिवलिंग बनाने के बाद स्कूल में ही भंडारे का आयोजन भी किया गया था। स्कूल एक ऐसा स्थान है जहां अलग-अलग धर्मों के छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। फिर भी इस तरह के आयोजन पर न तो स्कूल प्रबंधन ने कोई आपत्ति जताई  ना ही आयोजकों ने इसके परिणाम घातक होने के अंदेशे को समझा। एक अन्य शिक्षक ने इस मामले में बात करते हुए कहा कि किसी भी धार्मिक गतिविधि को एक सरकारी स्कूल के परिसर में अंजाम दिया जाना उचित नहीं है, क्योंकि किसी दूसरे की धार्मिक भावनाओं को ऐसे आयोजनों से ठेस पहुंच सकती है। आप किसी को जबरन दूसरी धार्मिक गतिविधि में शामिल करने का दबाव किसी भी बिना पर नहीं बना सकते हैं।

Created On :   5 Aug 2017 7:14 AM GMT

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