क्यों नहीं खुल सका 'पद्मनाभस्वामी मंदिर' का रहस्यमयी 7वां दरवाजा ? पढ़ें...

MYSTERIOUS LAST DOOR AT PADMANABHASWAMY TEMPLE THIRUVANANTHAPURAM
क्यों नहीं खुल सका 'पद्मनाभस्वामी मंदिर' का रहस्यमयी 7वां दरवाजा ? पढ़ें...
क्यों नहीं खुल सका 'पद्मनाभस्वामी मंदिर' का रहस्यमयी 7वां दरवाजा ? पढ़ें...

डिजिटल डेस्क, तिरुअनन्तपुरम। भगवान विष्णु के अनेक मंदिरों की अनेक कथाएं हैं। हर एक की अपनी ही अलग मान्यता। आज हम आपको यहां एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बता रहे हैं। जहां भगवान विष्णु की प्रतिमा शयन मुद्रा में है। आलौकिक नयनाभिरामी प्रतिमा कई रहस्यों को भी समेटे हुए है। ऐसा भी कहा जाता है कि श्रीहरि का ऐसा विशाल स्वरूप शायद ही कहीं मौजूद है। 

पद्मनाभस्वामी नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर भारत के केरल राज्य के तिरुअनन्तपुरम में स्थित है। जहां भगवान विष्णु विराजमान हैं। यह विष्णु भक्तों की महत्वपूर्ण आराधना-स्थली है। 1733 ई. में इस मंदिर का पुनर्निर्माण त्रावनकोर के महाराजा मार्तड वर्मा ने करवाया था। पद्मनाभ स्वामी मंदिर के साथ एक पौराणिक कथा जुडी है। मान्यता है कि सबसे पहले इस स्थान से विष्णु भगवान की प्रतिमा प्राप्त हुई थी जिसके बाद उसी स्थान पर इस मंदिर का निर्माण किया गया है।

विशाल मूर्ति विराजमान 

मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की विशाल मूर्ति विराजमान है। मान्यता है कि तिरुअनंतपुरम नाम भगवान के अनंत नामक नाग के नाम पर ही रखा गया है। यहां पर भगवान विष्णु की विश्राम अवस्था को पद्मनाभ कहा जाता है।

कुछ सालों पहले मंदिर में करोड़ों का खजाना मिलने के बाद ये सुर्खियों में आया था। मन्दिर तथा इसकी सम्पत्ति के स्वामी भगवान पद्मनाभस्वामी ही माने जाते हैं। बहुत दिनों तक यह मंदिर तथा इसकी सम्पत्तियों की देखरेख और सुरक्षा एक न्यास (ट्रस्ट) द्वारा की जाती रही जिसके अध्यक्ष त्रावणकोर के राजपरिवार का कोई सदस्य होता था। किन्तु वर्तमान में ऐसा नहीं है। 

तहखाना-बी

साल 2011 में सर्वोच्च न्यायालय ने पुरातत्व विभाग तथा अग्निशमन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि मन्दिर के गुप्त तहखानों को खोलें और उनमें रखी वस्तुओं का निरीक्षण करें। इन तहखानों में रखी करीब दो लाख करोड़ की संपत्ति का पता चला है। जिसके बाद कुछ हादसे भी सामने आए। करोड़ों का खजाना मिलने के बाद अभी भी तहखाने-बी को नहीं खोला गया है। सुप्रीमकोर्ट ने इसे खोलने पर रोक लगा दी है।  

मंदिर का सातवां द्वार

मंदिर में 6 तहखाने हैं, जो शापित माने जाते हैं खासकर मंदिर का 7वां द्वार। कथाओं के अनुसार एक बार खजाने की खोज करते हुए किसी ने इसे खोलने की कोशिश की थीए लेकिन उसके अंदर जहरीले सांप निकले जिसके बाद उनकी मौत हो गई। इस द्वार को लेकर कई तरह के रहस्य बरकरार हैं। 

ऐसा भी कहा जाता है कि जिस दिन ये द्वार खोला जाएगा। भयंकर प्राकृतिक आपदा आ जाएगी और पूरा का पूरा शहर पानी में डूब जाएगा। 

तहखानों से मिली संपत्ति 

खोले गए तहखानों से 1,32,000 करोड़ के सोने और हीरे जैसे कीमती रत्नों के जड़ाऊ गहनेए हाथी की मूर्तियांए बंदूकें आदि निकलीं। चौंकाने वाली बात ये थी कि यहां 28 किलोग्राम का एक बैग ऐसा भी था जिसमें 7 अलग-अलग देशों के राष्ट्रीय सिक्के थे, जिसमें नेपोलियन के समय के और इटालियन सिक्के भी शामिल थे।

Created On :   2 Sep 2017 4:19 AM GMT

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