भारतवंशी नीरू चड्ढा बनीं 'इंटरनेशनल ट्रिब्‍यूनल फॉर द लॉ ऑफ द सी'

Neeru Chadha becomes first Indian woman to be member of International Tribunal for the Law of the Sea
भारतवंशी नीरू चड्ढा बनीं 'इंटरनेशनल ट्रिब्‍यूनल फॉर द लॉ ऑफ द सी'
भारतवंशी नीरू चड्ढा बनीं 'इंटरनेशनल ट्रिब्‍यूनल फॉर द लॉ ऑफ द सी'

टीम डिजिटल, नई दिल्ली. भारतवंशी नीरू चड्ढा को 'इंटरनेशनल ट्रिब्‍यूनल फॉर द लॉ ऑफ द सी'  की पहली भारतीय महिला के सदस्‍य के रूप में चुना गया है. नीरू चड्ढा एक जानी-मानी वकील हैं और वह विदेश मंत्रालय की चीफ लीगल एडवाइजर बनने वाली भी पहली भारतीय महिला हैं.

उन्होंने इंटरनेशनल ट्रिब्‍यूनल फॉर द लॉ ऑफ द सी के लिए हुए चुनाव में जीत दर्ज की. उनका कार्यकाल  'इंटरनेशनल ट्रिब्‍यूनल फॉर द लॉ ऑफ द सी'  में 9 साल तक का होगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता गोपाल बागले ने एक ट्वीट के माध्‍यम से इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि चड्ढा को 120 वोट मिले, जो एशिया प्रशांत समूह में सबसे ज्यादा हैं. वह पहले चरण में ही चुनाव जीत गईं. इंडोनेशिया के उम्मीदवार को 58, लेबनान के उम्मीदवार को 60 और थाईलैंड के उम्मीदवार रो 86 वोट मिले. तीनों ही उम्मीवारों ने वोटिंग के दूसरे राउंड में प्रवेश किया और थाईलैंड ने एशिया प्रशांत समूह में अन्य सीट हासिल की. यह चुनाव कुल सात सीटों के लिए कराए गए थे.

आपको बता दें कि ट्रिब्‍यूनल में एक सीट के लिए 14 जून को चुनाव आयोजित किया गया था. नीरू चड्ढा यूएन में हाई-रैंकिंग पद पर निर्वाचित होने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं. इससे पहले यह उपलब्धि दिवंगत विजय लक्ष्‍मी पंडित के नाम थी. चड्ढा इससे पहले यूनाइटेड नेशन, एशियन अफ्रीकन लीगल कंसल्टेटिव ऑर्गेनाइजेशन, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर थे यूनिफिकेशन ऑफ़ प्राइवेट लॉ, यूएन कमीशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड लॉ में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.

Created On :   15 Jun 2017 8:48 AM GMT

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