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इंदौर स्कूल बस दुर्घटना से सबक नहीं, धड़ल्ले से दौड़ रहे अनफिट वाहन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। इंदौर बायपास रोड पर स्कूल बस और ट्रक के बीच भिंड़त में चार बच्चों की मौत हो गई। जिससे परिजन में डर का माहौल बन गया है। इसके बावजूद उपराजधानी नागपुर में दर्जनों अनफिट बसें दौड़ रही हैं। जिसकी सुध लेने को कोई तैयार नहीं। इससे स्कूल के बच्चों की जान खतरे में है। गलियों से कई अनफिट बसें 20 से ज्यादा बच्चों को लाने-ले-जाने का काम कर रही हैं। आरटीओ विभाग के पास कर्मचारियों की कमी होने के कारण उनकी ओर से कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है। नतीजतन इंदौर स्कूल बस दुर्घटना जैसे हादसे का अंदेशा नागपुर में भी बना हुआ है। यहां कुल 9 हजार वाहन हैं, जो बच्चों को स्कूल लाने-ले-जाने का काम करते हैं। इसमें वैन और बसे शामिल हैं। ज्यादातर स्कूल शहर से दूर होने से बच्चों को लंबा सफर तय करना पड़ता है। ऐसे में बसों का पूरी तरह से फिट रहना अपेक्षित है।
स्कूली वाहनों के लिए लागू किए हैं नियम
संबंधित विभाग ने भी बच्चों का मामला होने से इस ओर विशेष ध्यान देते हुए स्कूली वाहनों के लिए कुछ नियम लागू किए हैं, ताकि बच्चे सुरक्षित सफर कर सकें, लेकिन कई बस चालक पैसे बचाने के लिए इन नियमों को नहीं मान रहे हैं। कई बसें फिटनेस प्रमाणपत्र के बिना ही सड़कों पर बेखौफ दौड़ रही हैं। शुक्रवार को इंदौर में बस का स्टीयरिंग फेल होने से एक बस ट्रक से जाकर टकरा गई, जिसमें 4 बच्चों समेत ड्राइवर की मौत हो गई। वहीं 8 बच्चे व कंडक्टर घायल हैं। ऐसी अनहोनी को टालने के लिए बसें पूरी तरह से फिट रहना अपेक्षित हैं, लेकिन नागपुर शहर में कुछ जगहों पर अनफिट बसें हादसों को न्योता देते दिख रही हैं।
बसों में क्या फिट होना चाहिए
बस का रंग निर्धारित होना चाहिए
बस में आपातकालीन दरवाजा होना चाहिए
दरवाजा खुलने पर बजर बजना चाहिए
12 प्लस बसों में अटेंडेंट होना चाहिए
चालक प्रशिक्षित रहना चाहिए
गाड़ी में लड़कियां हो तो लेडी अटेंडेंट रहना चाहिए
बस की कंडीशन अच्छी रहना जरूरी है
अग्निशमन यंत्र तथा उसे चलाने का अटेंडेंट और ड्राइवर को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए
कुछ बस चालक गलियों से चल रहे हैं
शरद जिचकार, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, आरटीओ के मुताबिक लगातार बसों की फिटनेस पर ध्यान दिया जाता है। रिकॉर्ड पर रहने वाली स्कूल बस संचालकों के घर तक पहुंच कर उनके बसों का फिटनेस किया है। कुछ बस चालक गलियों से चल रहे हैं, लेकिन इनमें ज्यादातर बसें नागपुर की नहीं, बल्कि बाहर से लाई गई हो सकती हैं।
मुख्य मार्ग पर स्क्वॉड, गलियों से निकलती बसें
आरटीओ की ओर से इन बसों पर कार्रवाई करने के लिए कई बार कदम उठाए हैं। इसके बावजूद प्रशासन दोषी स्कूल बसों तक नहीं पहुंच पाते हैं। स्क्वॉड मुख्य मार्ग पर बसों का इंतजार करते रहते हैं, लेकिन बसें गलियों से बच्चों को घर तक पहुंचा रही हैं।
Created On :   7 Jan 2018 9:40 AM GMT