छिंदवाड़ा : कंपनियों ने नहीं किया काम, अधिकारियों ने कर दिया 96 करोड़ का भुगतान

Paid 96 crores to companies without doing any work in chhindwara
छिंदवाड़ा : कंपनियों ने नहीं किया काम, अधिकारियों ने कर दिया 96 करोड़ का भुगतान
छिंदवाड़ा : कंपनियों ने नहीं किया काम, अधिकारियों ने कर दिया 96 करोड़ का भुगतान

डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा। अनियमितताओं का केंद्र बन चुकी चौरई की पेंच व्यपवर्तन योजना को लेकर नया खुलासा हुआ है। खुद विधायकों ने आरोप लगाया है कि यहां अधिकारियों ने कंपनियों पर मेहरबानी कर 96 करोड़ का एडवांस पेमेंट कर दिया। पिछले दिनों जियोस की बैठक में दूसरी बार विधायकों ने परियोजना में नए सिरे से जांच की मांग की है। काम करने की मियाद खत्म होने के बाद भी पेंच में नहर निर्माण का ठेका लेने वाली कंपनियों ने काम नहीं किया, लेकिन अधिकारियों ने इन्हें करोड़ों का एडवांस पेमेंट कर दिया। 

गौरतलब है कि भोपाल स्तर पर हंगामा मचने के बाद एक गोपनीय रिपोर्ट तैयार कर अधिकारियों ने जलसंसाधन विभाग के प्रमुख सचिव को दी है। जिसमें किसको, कब और कितना पेमेंट हुआ, इसका पूरा जिक्र है। शुक्रवार को हुई जिला पंचायत की बैठक में विधायकों ने फिर इस मामले को हवा देते हुए जांच करने की मांग की है। इस मामले में छिंदवाड़ा विधायक चंद्रभान सिंह ने प्रभारी मंत्री के सामने ही अधिकारियों से जवाब-तलब भी किया है। ये दूसरा मौका है जब विधायकों ने पेंच व्यपवर्तन योजना में हुए एडवांस पेमेंट का मुद्दा उठाया है। इसके पहले छिंदवाड़ा विधायक चंद्रभान सिंह, चौरई विधायक रमेश दुबे और भाजपा नेता दौलत सिंह ठाकुर ने शिकायत करते हुए जांच की मांग की थी, लेकिन मामला दबा दिया गया। 

बड़ी कंपनियों ने लगाया चूना
बताया जा रहा है कि बड़ी कंपनियों ने यहां सरकार को करोड़ों का चूना लगाया है। एडवांस पेमेंट लेने के बाद भी काम नहीं किया। अब इन कंपनियों के महज 16 करोड़ रुपए विभाग के पास FDR के रूप में जमा है,जबकि पेमेंट की रकम इससे 8 गुनी है। वर्तमान से लेकर कई पूर्व अधिकारियों का नाम सुर्खियों में हैं। ये एडवांस पेमेंट कोई एक-दो साल में नहीं, बल्कि परियोजना निर्माण से अब तक हुआ है। यदि जांच हुई तो जलसंसाधन विभाग के कई अधिकारियों की गर्दन फंसना तय माना जा रहा है, यही वजह है कि विभाग इस प्रकरण को गंभीरता से नहीं ले रहा। 

कार्रवाई की तैयारी !
जिन-जिन कंपनियों को एडवांस पेमेंट किया गया है। अब उनकी मप्र में कुल संपत्ति की गणना गोपनीय तरीके से की जा रही है। अधिकारी इन कंपनियों के वाहन से लेकर कुल चल-अचल संपत्ति कुर्क करने की तैयारी कर रहे हैं। डेढ़ महीने पहले ही जलसंसाधन विभाग के प्रमुख सचिव पंकज अग्रवाल को ये रिपोर्ट भेजी गई है। जिसमें पेमेंट का पूरा लेखा-जोखा लिखा है। 

अधिकारियों की गलती क्या ?
बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने कमीशन के चक्कर में बिना स्थल निरीक्षण किए कंपनियों को पेमेंट रिलीज कर दिया। जो काम हुआ ही नहीं उसको भी कंपनियों ने कागजों में पूरा कर बिल लगा दिए। जिसका पेमेंट रिलीज भी कर दिया गया। 

छिंदवाड़ा विधायक चंद्रभानसिंह का कहना है कि पेंच में एडवांस पेमेंट की शिकायत हमने पहले भी की थी। शुक्रवार को जियोस की बैठक में हमने फिर से ये मामला प्रभारी मंत्री के समक्ष रखा है। यदि एडवांस पेमेंट हुआ है तो अधिकारी इसकी जांच कर दोषी कंपनी और अधिकारियों पर कार्रवाई करें। 

Created On :   29 Aug 2017 10:17 AM GMT

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