अमरावती में स्कूलों की प्रतियोगी परीक्षाओं पर रोक, छात्रों पर बढ़ रहा था दबाव

Prevention of competition examinations in schools
अमरावती में स्कूलों की प्रतियोगी परीक्षाओं पर रोक, छात्रों पर बढ़ रहा था दबाव
अमरावती में स्कूलों की प्रतियोगी परीक्षाओं पर रोक, छात्रों पर बढ़ रहा था दबाव

डिजिटल डेस्क,अमरावती। जिले के स्कूलों में अब प्रतियोगिता परीक्षाएं नहीं ली जा सकेंगी। सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ प्रतियोगिता परीक्षाओं के चलते छात्रों पर दवाब बढ़ता जा रहा है। छात्रों पर बढ़ते दवाब को देखते हुए शिक्षा संचालक गोविंद नांदड़े ने स्कूलों में ली जा रही प्रतियोगिता परीक्षाओं पर रोक लगाने के आदेश जारी किये हैं। जिले में कुल 1599 निजी व सरकारी स्कूलों हैं, जिसमें 24 उच्च माध्यमिक स्कूल व 210 निजी स्कूल शामिल हैं। जहां छात्रों को स्कूली पढ़ाई के साथ-साथ कई प्रतियोगिता परीक्षाओं की भी तैयारी करनी पड़ती है। बच्चों ते माता-पिताओं को भी इन परीक्षाओं में शामिल होने के लिए स्कूल में अतिरिक्त शुल्क व अन्य किताबें खरीदनी पड़ती है। जबकि अधिनियम 2009 के तहत छात्रों से सख्ती नहीं की जानी चाहिए।

नियमों का उल्लंघन
जिले में कुल 210 निजी स्कूल है। जिनमें कुछ सीबीएसई पैटर्न, सेमी इंग्लिश व अन्य है। इन सभी स्कूलों में मोटी रकम लेकर बच्चों का दाखिला कराया जाता है। एक छात्र का सालाना खर्च 50 से 60 हजार रुपये के आसपास होता है। इसके अलावा छात्रों को घर से स्कूल आने-जाने के लिए भी वाहन का खर्च देना पड़ता है। साथ ही किताबें, यूनिफॉर्म का भी खर्च करना पड़ता है। कई स्कूलों में हर माह छात्रों की प्रतियोगिता परीक्षा व टैलेंट परीक्षा के साथ-साथ कई परीक्षाएं भी ली जाती है। जिसके लिए स्कूल पालकों से परीक्षा फीस के नाम पर मोटी रकम वसूलते है। परीक्षा के लिए जो किताबें आती है वह भी स्कूल से ही खरीदनी पड़ती है। जबकि यह कानूनी तौर पर अपराध है। मामले को देखते हुए राज्य के शिक्षा संचालक गोविंद नांदड़े ने हाल ही में राज्य की स्कूलों के लिए नया फरमान जारी किया है कि स्कूलों में लिए जा रही प्रतियोगिता और टैलेंट परीक्षा स्थायी तौर पर बंद की जाये।

Created On :   10 July 2017 5:58 AM GMT

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