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नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेस-वे अभी तक प्रोसेस पर अटकी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेट्रो सिटी में विकास की रफ्तार जिस स्पीड से चल रही है उस स्पीड से नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेस-वे का काम चलता दिखाई नहीं दे रहा है। इस बड़े प्रोजेक्ट का काम अभी तक प्रोसेस पर ही अटका हुआ है। सीएम के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेस-वे का काम शुरू होने के पहले ही इस पर बननेवाले रन-वे (हवाईपट्टी) पर सस्पेंस बन गया है। रन-वे का काम करने के संबंध में ग्लोबल टेंडर अगले साल जनवरी में फ्लोट (जारी) हो सकता है आैर इसके छह महीने के भीतर काम का ठेका किसी कंपनी को जारी होगा। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) फिलहाल रिक्वेस्ट फार क्वालिफिकेशन (आरएफक्यू) प्रोसेस पर काम कर रहा है। टेंडर जारी करने से लेकर भूमिपूजन की कोई तारीख अभी तय नहीं हुई है।
समतल जमीन की समस्या बरकरार
बता दें कि इस प्रोजेक्ट का भूमिपूजन 30 सितंबर या फिर अक्टूबर 2017 में करने का एमएसआरडीसी ने भरोसा दिया था। लेकिन इसमें अब समतल जमीन को लेकर समस्या आ रही है। जमीन अधिग्रहण से लेकर कई प्रक्रिया पूरी नहीं होने से प्रोजेक्ट के भूमिपूजन की तारीख तय नहीं हो रही है। 46 हजार करोड़ की लागत से (जमीन अधिग्रहण की राशि शामिल नहीं) बननेवाले 710 किमी लंबे महामार्ग पर 5 रनवे प्रस्तावित थे। 6 लेन चौड़े इस महामार्ग का काम 5 पैकेज में करना है। इस पर 5 रन-वे बनाने का निर्णय हुआ था। बताया गया कि रन-वे के लिए अभी तक रक्षा मंत्रालय व नागरी विमानन मंत्रालय की अनुमति नहीं मिली है। अनुमति के लिए जो जरूरी प्रक्रिया पूरी करनी होती है, उसका भी कोई ठिकाना नहीं है। रन-वे के लिए पर्याप्त समतल जमीन भी एक बड़ी समस्या बन गई है।
नागपुर विभाग में 89 कि.मी रास्ता
नागपुर व वर्धा जिले के हिस्से में देखा जाए तो नागपुर विभाग में समृद्धि एक्सप्रेस-वे का 89 किमी का रास्ता शामिल है। नागपुर विभाग में प्रस्तावित रन-वे पर कोई प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है। नागपुर व वर्धा में अभी तक 54-54 फीसदी ही जमीन अधिग्रहीत हो सकी है। रन-वे के लिए दो किमी की सीधी जमीन जरूरी है। इसी के साथ महामार्ग के समीप खुली जमीन भी जरूरी है। रन-वे के संबंध में काम लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़ा है। नागपुर की तरह अन्य चार रन-वे के काम का भी यही हाल है।
क्या है आरएफक्यू आैर आरएफपी
टेंडर जारी करने के पूर्व रिक्वेस्ट फार क्वालिफिकेशन व रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) यह दो स्टेज का काम पूरा करना पड़ता है। अभी पहले चरण का ही काम चल रहा है। चर्चा यही है कि इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का काम मई 2018 के बाद ही शुरू हो सकता है। ग्लोबल टेेंडर में छह महीने तक का समय कंपनियों को टेंडर भरने के लिए देना पड़ता है।
रन-वे पर फोकस नहीं
अभी हमारी प्राथमिकता आरएफक्यू है। यह प्रक्रिया प्रगति पर है। इसके बाद आरएफपी का स्टेज पूरा किया जाएगा। जमीन अधिग्रहण का काम भी प्रगति पर है। नागपुर विभाग में एक रन वे प्रस्तावित है, लेकिन उस पर अभी कोई काम नहीं हो रहा है। नागपुर विभाग में रन वे बनेगा या नहीं इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता। इसके लिए क्या-क्या प्रक्रिया पूरी करनी है, इस बारे में भी फिलहाल बताया नहीं जा सकता। टेंडर जारी करने की तारीख अभी तय नहीं हुई है। भूमिपूजन कब होगा, इसका समय भी तय नहीं हुआ। भूमिपूजन में छह महीने आैर समय लग सकता है। रन-वे के संबंध में मुख्यालय ही विस्तार से बता सकता है। भूमिपूजन कब होगा, यह भी मुख्यालय ही बता सकता है। रन-वे के लिए केंद्र सरकार के विभागों की अनुमति लगती है आैर इसके बारे में मुख्यालय ही कुछ बता सकेगा। हमारे स्तर पर जितना काम करना है, उसे हम कर रहे हैं।
-यू. जे. डाबे, प्रभारी मुख्य अभियंता, एमएसआरडीसी, नागपुर
Created On :   17 Nov 2017 4:14 PM GMT