रैली फॉर रिवर्स : 'यदि जल ही नहीं बचेगा तो नदी जोड़ों योजना का कोई लाभ नहीं'

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रैली फॉर रिवर्स : 'यदि जल ही नहीं बचेगा तो नदी जोड़ों योजना का कोई लाभ नहीं'
रैली फॉर रिवर्स : 'यदि जल ही नहीं बचेगा तो नदी जोड़ों योजना का कोई लाभ नहीं'

डिजिटल डेस्क, भोपाल। ईशा फाउण्डेशन के तहत देशभर में चलाए जा रहे नदी अभियान के प्रमुख सद्गुरु जग्गी महाराज ने शनिवार को भोपाल में आयोजित पत्रकार-वार्ता में कहा कि नदी अभियान नदियों के लिए नहीं आम जनता को जागरुक करने के लिए चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन-बेतवा लिंक, नर्मदा-क्षिप्रा लिंक आदि नदी जोड़ो अभियान तभी हो सकेगा जब नदियों में जल पर्याप्त मात्रा में प्रवाहित होता रहे। यदि जल ही नहीं बचेगा तो नदी जोड़ों योजना का कोई लाभ नहीं।

उन्होंने कहा कि वे रैली फार रिवर के माध्यम से देश के राज्यों को संदेश देना चाहते हैं कि विलुप्त हो रही नदियों को बचाने के लिए राष्ट्रीय जल नीति को अपनाएं तथा यह जल नीति वैज्ञानिक प्रबंध के आधार पर तैयार हो क्योंकि देश में जहां नदियों का जलस्तर निरन्तर घट रहा है वहां वे सिकुड़ती भी जा रही हैं। मप्र की नर्मदा नदी के बारे में उन्होंने बताया कि इसका साठ प्रतिशत जल कम हो चुका है। 

देश में कुछ बाबाओं के दुष्कर्म में फंसने के सवाल पर जग्गी महाराज ने कहा कि भ्रष्टाचार कहां नहीं हैं, परन्तु अच्छे लोग आज भी देश के लिए अच्छा काम कर रहे हैं। नर्मदा नदी में रेत के अवैध उत्खनन पर उन्होंने कहा कि इसका समुचित एवं वैज्ञानिक ढंग से दोहन होना चाहिए।        

रैली फॉर रिवर्स    

नदियों को बचाने का संदेश देने के लिए "सद्गुरु" जग्गी वासुदेव "रैली फॉर रिवर्स" अभियान के तहत कन्याकुमारी से लेकर हिमालय तक रैली निकाल रहे हैं। ये रैली 16 राज्यों में होंगी और सदगुरू इस रैली के जरिए 30 नदियों को बचाने का संदेश देंगे। "रैली फॉर रिवर्स" दो अक्टूबर को दिल्ली में खत्म होगी। इस अभियान को खेल, राजनीति, बॉलीवुड समेत कई क्षेत्रों की हस्तियों का समर्थन मिल रहा है। उसके अन्तर्गत 21 बड़े कार्यक्रम होंगे, जिनमें 13 मुख्यमंत्री शामिल होंगे। रैली के समापन के मौके पर सद्गुरु पीएम मोदी को नदियों को बचाने के लिए एक फॉर्मूला भी देंगे।

 

Created On :   23 Sep 2017 1:55 PM GMT

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