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NEET : फिर शुरू हुई काउंसिलिंग, MP कोटे में ही मिलेगा एडमीशन
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट में शुक्रवार को MP सरकार की ओर से कहा गया कि NEET 2017 की फिर से काउंसिलिंग शुरु हो गई है और अब सिर्फ MP के ही मूल निवासी छात्रों को MBBS कोर्स में एडमीशन दिए जा रहे हैं। इस बारे में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जो भी निर्देश हैं, उनका पालन किया जा रहा है। सुनवाई के दौरान उन दो छात्राओं को जस्टिस आरएस झा और जस्टिस नंदिता दुबे की डबल बेंच ने कोई भी राहत देने से इंकार कर दिया, जिनके एडमीशन दूसरे MP के निवासी के होने के कारण निरस्त कर दिए गए थे। डबल बेंच ने जिम्मेदार अधिकारियों को कहा है कि कोई छात्र यदि किसी भी तरह का कोई दावा पेश करता है, तो उस पर विधि अनुसार विचार किया जाए। मामले पर अगली सुनवाई अब 11 सितंबर को होगी।
डबल बेंच ने ये निर्देश जबलपुर की मेडिकल छात्रा तारिषी वर्मा की ओर से दायर याचिका पर दिए। इस मामले में मेडिकल कोर्स की चल रही काउंसिलिंग पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि सरकारी कोटे में MP के मूल निवासी छात्रों के लिए आरक्षित सीटों पर उप्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के करीब 200 छात्रों को सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एडमीशन दिया गया है। इतना ही नहीं, दूसरे राज्यों के कुछ और छात्र भी दूसरे दौर की काउंसिलिंग में शामिल होने वाले हैं। इस बारे में संबंधितों को दस्तावेजों के साथ की गई शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई न करने का आरोप विनायक परिहार की याचिका में लगाया गया है।
MP के कोटे में सिर्फ MP के ही स्टूडेंट्स हों
गत 24 अगस्त को हुई सुनवाई के बाद डबल बेंच ने साफ तौर पर कहा था कि MP के सरकारी कोटे में सिर्फ और सिर्फ MP के ही छात्रों को दाखिला दिया जाए। डबल बेंच ने यह भी कहा था कि जिस छात्र ने NEET 2017 के आवेदन में खुद को जहां का निवासी बताया है, उसे ही अंतिम माना जाए। दो दौर की हुई काउंसिलिंग में बाहरी छात्रों को एडमिशन मिलने के मुद्दे पर डबल बेंच ने सरकार को फिर से मैरिट लिस्ट तैयार करने की स्वतंत्रता दी थी। इसके बाद सरकार ने हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन वहां से हाईकोर्ट का आदेश यथावत रखते हुए उसका पालन करने 10 दिनों की अतिरिक्त मोहलत दी गई थी।
Created On :   1 Sep 2017 5:29 PM GMT