बुल्गारिया से मिली प्रतिमा, यहां 'कंजीटेन' नाम से पूजे जाते हैं बप्पा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गणपति प्रथम पूज्य हैं। किसी भी शुभ और मंगलकार्य की शुरुआत गणपति पूजन से ही होती है। इन्हें बुद्धि का दाता भी कहा जाता है। गणति बप्पा के पूजन से विवेक, यश, प्रसिद्धि, अर्थ, विद्या, बुद्धि, सिद्धि सामान्यतः प्राप्त हो जाते हैं और ये भी कहा जाता है कि यदि गणपति की कृपा हो जाए तो जीवन के सभी कष्टों का निवारण यूं ही हो जाता है। हिंदू धर्म के प्रथम पूज्य लंबोदर गणेश सिर्फ भारत ही नहीं विदेशों मे भी पूजे जाते हैं। यहां आज हम आपको गणपति के ऐसे स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं लंबाेदर श्रीगणेश क्याेंकि माता पार्वती आैर शिव पुत्र हैं ताे इनके पूजन से शिव पार्वती की कृपा भी प्राप्त हाे जाती है...
- मशीनों के देश जापान जिसे उगते सूरज का देश भी कहा जाता है यहां गणपति बप्पा के तकरीबन 250 मंदिर हैं।
-कंजीटेन ये नाम भी बप्पा का ही है लेकिन भारत में नही, जापान में ही इन्हें इस नाम से जाना जाता है। इन्हें यहां खुशियां लाने वाला देवता माना जाता है।
-पुरातात्विक उत्खनन से गणेश प्रतिमाएं भी प्राप्त हुई हैं। ईरान, थाइलैंड, लाओस, चाइना, मंगोलिया, जापान, इंडोनेशिया, म्यांमार, अफगानिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, वियतनाम, कंबोडिया सहित मेक्सिको, बुल्गारिया, ब्रुनेई और लेटिन अमेरिका से भी इनके साक्ष्य मिल चुके हैं। यहां ऐसे प्रमाण मिले हैं जिनसे स्पष्ट होता है कि कभी यहां गणपति बप्पा पूजे जाते थे। फिर इनके नाम चाहे जो भी रहे हों।
-यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, फ्रांस और स्वीट्जरलैंड की आर्ट गैलरियों में बप्पा की मूर्तियों और चित्रों की प्रदर्शनी या एग्जीबिशन भी लगाई जा चुकी है।
-सोफिया ये बुल्गारिया के पास स्थित एक गांव है जहां भगवान गणेश की प्रतिमा जमीन से नीचे खुदाई में मिली है। जिस प्रकार भारत में गणेश पूजन सबसे पहले करने का चलन है ठीक वैसे ही रोमन भी गणेश पूजा के साथ ही किसी भी काम को शुरू करते थे।
Created On :   19 Nov 2017 2:44 AM GMT