SWINE FLU का कहर : प्रदेश में लगातार बढ़ रहा मौतों का आंकड़ा

Rising deaths from Swine flu in MP,Health department helpless
SWINE FLU का कहर : प्रदेश में लगातार बढ़ रहा मौतों का आंकड़ा
SWINE FLU का कहर : प्रदेश में लगातार बढ़ रहा मौतों का आंकड़ा

डिजिटल डेस्क,भोपाल। प्रदेश में स्वाइन फ्लू तेजी के साथ अपने पांव पसार रहा है। शायद ही ऐसा कोई दिन बीत रहा हो जब स्वाइन फ्लू के मरीज सामने न आ रहे हो। इस स्थिति के बावजूद न तो संक्रमित मरीजों की मॉनिटरिंग की व्यवस्था हो सकी है न ही इन्हें लेकर नियमित बुलेटिन ही जारी हो पा रहा है।

गौरतलब है कि अब तक राज्य में स्वाइन फ्लू से 15 मौतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग बीमारी को लेकर लापरवाही बरत रहा है। वहीं विभाग के अफसर अपनी नाकामियों को छिपाने स्वाइन फ्लू को पड़ोसी राज्य से संक्रमित होना बता रहे हैं। इधर राज्य सरकार दावा कर रही है कि उसके पास इलाज के पर्याप्त इंतजाम हैं, लेकिन फिलहाल सरकार भी यह बता पाने की स्थिति में नहीं है कि स्वाइन फ्लू के वायरस में (एंटीबॉडी विकसित होना)कोई बदलाव हुआ है अथवा नहीं। ऐसी आशंका इसलिए भी जताई जा रही है क्योंकि इस साल बीमारी से जितनी भी मौतें हुई हैं उनमें से ज्यादातर मरीजों ने स्वाइन फ्लू के संक्रमण के कारण अस्पताल पहुंचने के 48 घंटे के अंदर ही दम तोड़ दिया। 

इन हालातों में कई मरीजों की तो जांच रिपोर्ट ही नहीं आ सकी जिससे कि संबंधित डॉक्टर संक्रमण की वजह का अंदाजा नहीं लगा सके। राज्य सरकार जिन राज्यों से बीमारी का संक्रमण होना बता रही है उसमें दिल्ली, गुजरात और राजस्थान हैं। सरकार ने इस सीजन में वायरस में हुए बदलाव का पता लगा लिया है जिसके फलस्वरूप संक्रमण पर नियंत्रण संभव हो सका है। संक्रमण काबू में होने के कारण ही इस राज्यों में नियमित हेल्थ बुलेटिन जारी हो पा रहा है। गुरुवार को भी इस वायरस से हमीदिया अस्पताल में 40 साल के एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं सागर से आए एक 6 साल के बच्चे की मौत हुई। 

स्वास्थ्य विभाग डारेक्टर के एल साहू का कहना है कि अधिकतर मौतों में यह देखने में आया है कि व्यक्ति जब अधिक गंभीर होता है तभी अस्पताल जाता है। प्रदेशभर में जितनी भी मौतें हुई हैं उनमें से ज्यादातर ने अस्पताल पहुंचने के 48 घंटे के अंदर ही दम तोड़ दिया। विभाग इस पर काबू पानी के लिए पूरे प्रयास कर रहा है।
 

रीवा में एक और मौत
स्वाइन फ्लू से रीवा में एक और मौत हो गई। इस मौत के साथ ही रीवा में अब स्वाइन फ्लू को लेकर चिंता बढ़ गई है। स्वाइन फ्लू से रीवा में यह दूसरी मौत है। जिले से अब तक 13 मरीजों के सेंपल स्वाइन फ्लू की जांच के लिए भेजे गए, जिनमें से 3 की रिपोर्ट पॉजिटिव रही है। दरअसल नईगढ़ी ब्लाक के क्षत्रगढ़ कटरा निवासी सुरेंद्र द्विवेदी को सर्दी-जुकाम सहित अन्य तकलीफ होने पर 31 अगस्त को  एक नर्सिंग होम में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। मरीज को स्वाइन फ्लू के लक्षण होने पर इलाज शुरू किया गया। बताया जा रहा है कि मरीज के परिजन ने उसे जबलपुर ले जाने की जिद की। हालांकि उनके परिजन को यह समझाया जा रहा था कि स्वाइन फ्लू की एक ही दवा है। वह ठीक हो जाएगा, लेकिन परिजन तैयार नहीं हुए। उसे रात में ही जबलपुर ले गए। शुक्रवार को पता चला कि उसकी मौत हो गई है। शुक्रवार को ही उसकी जांच रिपोर्ट आई जिसमें यह पाया गया कि उसे स्वाइन फ्लू था। 

नजर आने लगे मास्क
स्वाइन फ्लू के मरीज सामने आते ही लोगों में दहशत व्याप्त हो गई है। स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए लोग आवश्यक सावधानी बरत रहे हैं। मास्क लगाकर लोग इससे बचने का प्रयास कर रहे हैं। चिकित्सकों की सलाह है कि स्वाइन फ्लू के लक्षण होने पर तत्काल चिकित्सकों से परामर्श लें। अस्पतालों में ऐसे मरीजों के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं। नोडल अधिकारी डॉ. आनंद महेन्द्रा ने बताया कि स्वाइन फ्लू से सुरेन्द्र द्विवेदी नामक युवक की मौत हुई है। वह नईगढ़ी ब्लाक का रहने वाला है। रीवा में स्वाइन फ्लू से यह दूसरी मौत है। प्रभावित इलाके में शनिवार को सर्वे होगा।

जबलपुर में स्वाइन फ्लू के दो और मरीज
जबलपुर में स्वाइन फ्लू से पिछले दिनों हुई दो मौतों के बाद अब फिर दो मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इसमें एक मरीज शहर का ही है जिसकी उम्र 52 साल है। वहीं दूसरा मरीज दमोह जिले का है। दोनो ही हालत स्स्थिर है जबकि पहले से ही स्वाइन फ्फ्लू का उपचार करा रहे एक मरीज की हालत बेहद गंभीर है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉ. दीपक वरकड़े ने बताया कि शुक्रवार को जांच के लिए 5 सेंपल भेजे गए थे जिनमें से 2 पॉजिटिव आए हैं। इनमें जबलपुर और दमोह के मरीज शामिल हैं। 1 पॉजिटिव्ह मरीज पूरी तरह ठीक हो गया था जिसे शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। इस प्रकार अब मेडिकल में कुल 6 मरीज उपचार करा रहे हैं जिनमें से एक की हालत बेहद गंभीर है। 

क्षेत्रीय संचालक डॉ.रंजना गुप्ता ने कहा कि अस्पताल में आने वाले सर्दी-जुकाम के मरीजों का अलग से रजिस्टर बनाया जाए और शाम को हर अस्पताल जिला अस्पताल को सूचना दे। सस्पेक्टेड मरीजों को भी आईसोलेशन वॉर्ड में ही रखा जाए। प्रत्येक मरीज का सेंपल जिला कार्यालय में सुबह 10 बजे तक भेजा जाए ताकि आईसीएमआर से उसकी जांच कराई जा सके। सभी चिन्हित अस्पतालों को 100 टैमी फ्लू टेबलेट रखने के लिए भी कहा गया है।

 

Created On :   2 Sep 2017 2:41 AM GMT

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