सफला एकादशी आज, इस विधि से करें भगवान विष्णु की पूजा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पौस मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी को अर्थात 11वें दिन सफला एकादशी है। इस पौस कृष्ण एकादशी भी कहा जाता है। साल 2017 में सफला एकादशी का व्रत 13 दिसंबर अर्थात अाज को पड़ रहा है। यह साल की अंतिम एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु का विधि-विधान से व्रत पूजन किया जाता है। सफला एकादशी भगवान विष्णु काे समर्पित है आैैर एकादशी का व्रत उसी प्रकार अन्य व्रतों में श्रेष्ठ बताया गया है। जैसे की देवताआें में भगवान विष्णु का पूजन श्रेष्ठ है।
पूर्ण निष्ठा का पूर्ण फल
मान्यता है कि यदि इस दिन यदि भक्त पूर्णतः निष्ठा के साथ व्रत करते हैं तो भगवान विष्णु उसे इसका फल अवश्य ही प्रदान करते हैं। 100 राजसूय यज्ञ और 1000 अश्वमेध यज्ञ के मिल कर भी सफला एकादशी व्रत के समान लाभ प्रदान नही कर सकते। इसका उल्लेख ब्रम्हांड पुराण में मिलता है। युधिष्ठिर के पूछने पर भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें एकादशी व्रत का महत्व बताया था।
धर्मराज युधिष्ठिर को बताया था महत्व
सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का सफला एकादशी में अत्यधिक महत्व है। सफला एकादशी अर्थात यह अपने नाम के अनुसार ही फलदायी बताया गया हैं। पुराणों में इसका वर्णन भगवान श्रीकृष्ण और धर्मराज युधिष्ठिर की बातचीत के रूप में वर्णित है। इसका उल्लेख ब्रम्हांड पुराण के अतिरिक्त पद्म पुराण में भी मिलता है।
एकादशी व्रत विधि
-इस दिन दीपदान का अत्यधिक महत्व है।
-पूरे दिन उपवास कर धूप, दीप, नारियल, फल, सुपारी, नींबू, अनार, आंवला, लौंग, बेर, आम पूजा में शामिल करना चाहिए।
-विधि-विधान से पूजा के बाद भगवान विष्णु की आरती करें एवं भोग लगाएं।
-इसके बाद उनसे अपने व्रत एवं कार्यों की सफलता के लिए प्रार्थना करें।
-व्रत की कथा पढ़ने व श्रवण करने से भी पुण्य फल प्राप्त हाेता है।
यह व्रत करने से मनुष्य के सभी पापों का नाश होता है। भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है एवं उसे पुण्य की प्राप्ति होती है।
Created On :   7 Dec 2017 3:51 AM GMT